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जीएसटी, आयकर व सालाना टर्नओवर में राहत की मांग

फरवरी के दौरान पेश होने वाले केंद्रीय आम बजट के लिए औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्रों से वित्त मंत्रालय को सुझाव भेजे जा रहे हैं ताकि बजट में इन पर अमल हो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 05:00 AM (IST)
जीएसटी, आयकर व सालाना टर्नओवर में राहत की मांग
जीएसटी, आयकर व सालाना टर्नओवर में राहत की मांग

जागरण संवाददाता, लुधियाना : फरवरी के दौरान पेश होने वाले केंद्रीय आम बजट के लिए औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्रों से वित्त मंत्रालय को सुझाव भेजे जा रहे हैं, ताकि बजट में इन पर अमल हो। इसके साथ ही कोविड से जूझ रहे व्यापार जगत को राहत मिल सके। कारोबारियों को मलाल है कि सरकार ने कारपोरेट सेक्टर व नई कंपनियों के लिए आयकर की दर 22 से 25 फीसद तक कर दी, लेकिन उनसे तीस फीसद के हिसाब से ही कर वसूल किया जा रहा है। उनकी मांग है कि कारपोरेट व नई कंपनियों की तर्ज पर उन्हें भी आयकर में राहत दी जाए। कारोबारियों के अनुसार मार्च में लाकडाउन के बाद से अभी तक व्यापार संभल नहीं पाया है। कारोबार में साठ से 65 फीसद की गिरावट दर्ज की जा रही है, ऐसे में बजट से काफी उम्मीदें हैं। उनका तर्क है कि बजट में बूस्टर डोज मिलने पर ही कामकाज पटरी पर आ सकता है। कोरोना बार बार सिर उठा रहा है, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी है, जोकि कारोबार पर भारी पड़ रही है। ग्राहक भी मजबूरी में ही खर्च कर रहा है।

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अतिरिक्त बोझ डालने का न लिया जाए फैसला

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि बजट में सबसे पहले कारोबारियों पर किसी भी तरह का अतिरिक्त बोझ न डाला जाए। प्रदेश सचिव महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आयकर में राहत दी जाए। कंपनियों के मुकाबले ट्रेड पर लगने वाले आयकर में बड़ा अंतर है। इसे खत्म करने की जरूरत है। इसके अलावा राज्य सरकारों की ओर से आयकरदाताओं पर लगे प्रोफेशनल टैक्स को भी खत्म करने के उपाय किए जाएं। कोविड के कारण मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों को राहत देने के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए एक करोड़ की टर्नओवर से अधिक के जीएसटी करदाताओं के लिए आडिट की अनिवार्यता खत्म की जाए। उनके स्वघोषित प्रमाणपत्र को ही मान्य माना जाए।

कारोबार को बूस्ट के लिए इन पर अमल करने की मांग

जीएसटी में 18 फीसद की दर को 12 फीसद में ही मर्ज कर दिया जाए। इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही एक करोड़ से कम की टर्नओवर वाले कारोबारियों पर लगने वाले एकमुश्त छह फीसद कर की दर को चार फीसद किया जाए। इसके अलावा नौ फीसद ब्याज दर पर लोन कम करके सात फीसद किया जाए। अग्रवाल ने कहा कि बैंक जमा पूंजी पर पांच लाख तक की गारंटी दे रहे हैं। यदि बैंक डूब जाए तो ग्राहक को बैंक में जमा सारी रकम मिलनी चाहिए। साफ है कि गारंटी पूरे डिपाजिट पर दी जाए। इससे निवेशक खुद को सुरक्षित महसूस करेगा और बैंकों पर ग्राहकों का विश्वास और बढ़ेगा।


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