PM माेदी से आंखें मिलाएंगे सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
सांसद बिट्टू की उत्सुकता का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कहा है कि पगड़ी वाला एक सरदार लोकसभा में जब एलओपी के रूप में सामने बैठेगा तो पीएम को गरीब किसानों की याद दिलाएगा।
लुधियाना, [भूपिंदर सिंह भाटिया]। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पिछले तीन माह से भी अधिक समय से दिल्ली में जंतर-मंतर पर किसानों के हक में धरने पर बैठे हैं। हालांकि अब वे संसद में कांग्रेस के नेता के रूप में पहली कुर्सी पर बैठने को आतुर हैं। अधीर रंजन की अनुपस्थिति में कांग्रेस ने सांसद बिट्टू को एलओपी की कुर्सी पर बैठने को मनोनीत किया है। बिट्टू की उत्सुकता का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कहा है कि पगड़ी वाला एक सरदार लोकसभा में जब एलओपी के रूप में सामने बैठेगा तो पीएम को गरीब किसानों की याद दिलाएगा, जो इतने दिनों से विपरीत मौसम में भी सड़कों पर बैठे हैं। उन्होंने तो ये तक कह दिया कि जब पगड़ी वाला किसान आंखें मिलाकर किसानों की बात रखेगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के मंत्रियों की लगातार परेशानी बढ़ेगी। बस उस वक्त का इंतजार है।
टिकट के लिए जुगत लगाएं
शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने आगामी विधानसभा चुनाव में जलालाबाद हलके से चुनाव लड़ने की घोषणा कर टिकट के दावेदार नेताओं में हलचल सी मचा दी है। अब नेता अपनी चुनावी गोटियां फिट करने के लिए आलाकमान के पास पहुंचने की जुगत में लग गए हैं। पिछली बार लुधियाना शहर की छह विधानसभा सीटों में से तीन पर अकाली दल और तीन पर भाजपा ने चुनाव लड़ा था। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद अब विधानसभा चुनाव में अकाली दल सभी छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक की दावेदारी अपने इलाकों में तो मजबूत है, लेकिन इस बीच बाकी की चार सीटों के दावेदार प्रधान के पास पहुंच बनाने की तैयारी में लग गए हैं। एक दावेदार ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधान की घोषणा के बाद अब टिकट की दावेदारी के लिए अभी से जुगत लगानी होगी।
मैं भाजपा नेता नहीं, चेयरमैन हूं...
भाजपा के प्रू्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला बीते दिनों अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन बनाए गए हैं। चेयरमैन बनने के बाद सांपला पहली बार लुधियाना के दौरे पर आए। कुछ संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी बैठकें भी हुईं। इस दौरान जिला भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता उनके आगे-पीछे ही रहे। इस दौरान उन्हें सम्मानित करने व मेल-मिलाप का भी दौर चला। चेयरमैन साहब के लिए बाकायदा सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता का आयोजन भी किया गया। परंपरा के अनुसार पहले तो सांपला साहब ने अपने नए विभाग का जिक्र किया और अपनी रणनीति बताई। इसके बाद जब पत्रकारों ने बंगाल चुनाव को लेकर सवाल किए तो भाजपा के मुखर नेता सांपला यह कहकर निकल गए कि वह यहां भाजपा नेता नहीं, आयोग के चेयरमैन के रूप में आए हैं। खास बात यह रही कि इस दौरान चेयरमैन साहब के साथ भाजपा के तमाम शीर्ष नेता ही मौजूद थे।
पूर्वांचली नेता की जिद, पुलिस पस्त
बीते दिनों एक मंदिर के विवाद में पूर्वांचली नेता व उद्यमी से पुलिस ने थाने में अभद्र व्यवहार किया तो पूरा समाज ही लामबंद हो गया। पहले तो कुछ लोगों के उकसावे में आकर मोती नगर थाना प्रभारी ने बिना कुछ सोचे समङो ही थाने में नेताजी पर धाक जमाई। फिर क्या था, नेताजी भी तैश में आ गए। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। उच्च अधिकारी कोई एक्शन लेते, उसके पहले ही पूर्वांचल समाज अपने नेता के पक्ष में खड़ा हो गया और धरना शुरू हो गया। नेताजी को उच्च पुलिस अधिकारियों ने मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि न्याय नहीं मिला तो वे हाई कोर्ट जाएंगे और सभी को लपेटेंगे। उसके बाद पुलिस पस्त हो गई और अधिकारियों ने जांच के आधार पर एसएचओ को निलंबित कर दिया। काश. एसएचओ साहब तैश में आकर कुछ ऐसा न करते।