बुड्ढा दरिया में गोबर गिराने वाले डेयरी संचालकों की अब खैर नहीं, निगम ने की ये तैयारी Ludhiana News
निगम कमिश्नर ने साफ कर दिया कि बार-बार डेयरी संचालकों को गोबर प्रबंधन के लिए मोहलत दी जा रही है लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
लुधियाना, जेएनएन। ताजपुर रोड डेयरी कांपलेक्स और हंबड़ा रोड डेयरी कांपलेक्स व गली मोहल्लों में अवैध तरीके से चल रही डेयरियों के संचालकों को अब गोबर का प्रबंधन खुद करना होगा। निगम कमिश्नर ने साफ कर दिया कि बार-बार डेयरी संचालकों को गोबर प्रबंधन के लिए मोहलत दी जा रही है, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ ने अब डेयरी संचालकों को दो टूक कह दिया है कि सोमवार से किसी डेयरी संचालक ने बुड्ढा दरिया में गोबर गिराया तो उसे सील कर दिया जाएगा। डेयरी की जांच के लिए निगम की टीमें बाकायदा डेयरी कांपलेक्स और उन मोहल्लों का दौरा करेंगी जहां पर डेयरियां बनाई गई हैं। निगम कमिश्नर की इस सख्ती के बाद हड़कंप मच गया है। डेयरी संचालकों के सामने समस्या यह है कि अब वह इस गोबर को कहां लेकर जाएं। विधायक संजय तलवाड़ ने तीन दिन पूर्व नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि बेसहारा पशुओं और बुड्ढा दरिया में गिराए जा रहे गोबर को रोकने के लिए बैठक की जाए।
विधायक के पत्र के बाद शनिवार को नगर निगम कमिश्नर ने जोन बी में डेयरी संचालकों, गोशाला प्रबंधकों व अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में विधायक ने सबसे पहले दरिया में गिराए जा रहे गोबर को रोकने का मद्दा उठाया गया, जिस पर निगम कमिश्नर ने ताजपुर व हंबड़ा रोड डेयरी कांपलेक्स के डेयरी संचालकों को गोबर का प्रबंधन करने को कहा। कमिश्नर ने डेयरी संचालकों को कहा कि पहले भी कई बार उन्हें नोटिस दिया जा चुका है इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। इसलिए निगम ने अब फैसला किया है कि सोमवार से सख्ती अपनाई जाएगी और जो भी डेयरी संचालक दरिया या निगम के सीवरेज में गोबर गिराएगा उन्हें सील कर दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी सीधे तौर पर डेयरी संचालकों की होगी। इसलिए वह अपनी डेयरियों के गोबर की व्यवस्था कर लें। ताजपुर डेयरी कांपलेक्स में 150 के करीब डेयरियां हैं, जबकि दरिया के किनारे इसी क्षेत्र में 400 के करीब और डेयरियां भी हैं। इन सभी से करीब पांच सौ टन गोबर रोजाना निकलता है। हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स में 550 के करीब डेयरियां हैं।
एनजीटी ने दी थी 30 जून तक की डेड लाइन
बुड्ढा दरिया की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पूरी सख्ती अपनाई है। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नगर निगम को 30 जून तक डेड लाइन दी थी और कहा था कि दरिया में गोबर गिराने पर रोक लगाई जाए, लेकिन निगम अफसर इसमें पूरी तरह नाकाम रहे। अफसरों ने डेयरी संचालकों को डेयरियों में टैंक बनाकर गोबर रोकने को कहा, लेकिन यह प्रक्रिया नाकाम साबित हुई और गोबर पानी के साथ दरिया में गिरता रहा। उसके बाद पीपीसीबी ने फिर निगम को नोटिस जारी किया और गोबर पर रोक लगाने को कहा। गोबर की वजह से टास्क फोर्स ने रोकी थी दरिया की सफाई श्री भैणी साहिब दरबार के प्रमुख सतगुरु ठाकुर उदय सिंह के नेतृत्व में बनी टास्क फोर्स ने दरिया की सफाई शुरू की। ठाकुर उदय सिंह ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक दरिया की सफाई की। लेकिन डेयरियों के गोबर की वजह से उन्हें सफाई मुहिम को रोकना पड़ा। सतगुरु उदय सिंह ने सरकार के सामने भी यह बात उठाई थी, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
पशुओं के कान में लगेंगी चिप
पशुओं को छोड़ने वाले बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम अब सभी पशुओं के कानों में चिप लगवाएगा। यह चिप डेयरियों में पल रहे पशुओं के साथ-साथ गोशालाओं में पल रहे पशुओं पर भी लगाई जाएगी। जैसे-जैसे बेसहारा पशुओं को गोशाला में भेजा जाएगा वैसे ही उनके कान में भी चिप लग जाएगी। चिप लगी होने के बाद जब पशुओं को सड़क पर छोड़ा जाएगा तो पता चल जाएगा कि इस पशु को किसने छोड़ा। इस प्रक्रिया के लिए सभी पशुओं का रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। निगम कमिश्नर ने बैठक में बताया कि अगले सप्ताह में चिप लगाने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। इसके लिए निजी कंपनी की मदद ली जाएगी।
चिप लगाने में खर्च होंगे 150 से 200 रुपये
बताया जा रहा है कि प्रत्येक पशु पर चिप लगाने में 150 से 200 रुपये खर्च होंगे। डेयरी मालिक तो यह खर्च अपने स्तर पर उठाएंगे। पहले चरण में 20 हजार पशुओं का रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। विधायक संजय तलवाड़ ने बताया कि शहर की चार अन्य गोशालाएं भी बेसहारा पशुओं को रखने के लिए तैयार हैं। इन गोशालाओं में 2 हजार पशुओं को रखा जा सकता है। निगम इसके लिए दो कैटल कैचर वैन मानव कल्याण संघ को देगा। निगम व संघ के सदस्य एक माह के भीतर इन पशुओं को गोशाला तक पहुंचाएंगे। बैठक में विधायक सुरिंदर डावर, सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा भी उपस्थित रहे।
नगर निगम ताजपुर डेयरी कांपलेक्स में ईटीपी प्लांट शुरू करवाए, ताकि डेयरियों से निकलने वाले गोबर का निस्तारण किया जा सके। प्लांट लगने से डेयरी वालों पर लटक रही तलवार से भी बचाव हो जाएगा। डीएस ओबराय, प्रधान, ताजपुर डेयरी कांपलेक्स बार-बार डेयरी संचालकों को कहा जा रहा था, लेकिन उनकी तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई। कुछ डेयरी संचालक सीवरेज में गोबर डाल रहे हैं, जिससे सीवरेज जाम हो रहा है और लोगों को दिक्कत हो रही है। इसलिए कठोर कार्रवाई का फैसला लिया गया है। संजय तलवाड़, विधायक, हलका पूर्वी