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किसानों का खाता नंबर न देने की जिद पर अड़े आढ़ती, धान की खरीद रुकी Ludhiana News

किसानों के खातों को पोर्टल पर डालने के सरकार के फैसले के खिलाफ अनाज मंडी खन्ना में आढ़तियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही।

By Edited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 09:58 AM (IST)
किसानों का खाता नंबर न देने की जिद पर अड़े आढ़ती, धान की खरीद रुकी Ludhiana News
किसानों का खाता नंबर न देने की जिद पर अड़े आढ़ती, धान की खरीद रुकी Ludhiana News

खन्ना, जेएनएन। किसानों के खातों को पोर्टल पर डालने के सरकार के फैसले के खिलाफ अनाज मंडी खन्ना में आढ़तियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि केंद्र सरकार आढ़ती और किसानों से धक्का कर रही है। पोर्टल पर किसानों के खातों की जानकारी देने को पंजाब सरकार पर केंद्र द्वारा दबाव डाला जा रहा है। रोशा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू का आभार जताते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने हमेशा आढ़तियों का साथ दिया है। केंद्र सरकार द्वारा डाले जा रहे दबाव के बाद आढ़तियों ने फसल खरीद का बायकाट किया है।

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रोशा ने कहा कि पोर्टल केंद्र सरकार की सब्सिडी एवं ग्रांटों से सबंधित है, जिसका किसानों की फसल की कीमत से कोई संबंध नहीं है। किसानों की मर्जी के बिना उनका नंबर पोर्टल पर डालना किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरबंस सिंह रोशा, पूर्व प्रधान संजय घई, भरपूर चंद बेक्टर, महासचिव यादविंदर सिंह लिबड़ा, राज साहनेवालिया, लवली साहनेवालिया, सुशील कुमार शीला, रणजीत सिंह ईकोलाहा, रमनदीप सिंह, रणजीत सिंह न्यूआं, गुरमेल सिंह नागरा, गुरजीत सिंह नागरा, मोहित गोयल, रामचंद सिंगला, तीरथ, गुरपाल सिंह, जगजीत सिंह, तनवीर सिंह चीमा, शैंटी जिंदल, भगवान दास, कृष्ण मुरारी, गिरधारी लाल, सुशील शीली, रजनीश कुमार, अमित बांसल, हुक्म चंद शर्मा, कुलविंदर सिंह काला, दलजीत सिंह, भगवंत गोयल, राज कुमार गर्ग भी मौजूद थे।

मंडी में पड़ा किसानों का 7700 क्विंटल धान

उधर, खन्ना मंडी में आढ़तियों की हड़ताल के चलते किसानों का 7700 क्विंटल धान बिक्री के इंतजार में पड़ा है। हालांकि, मंगलवार को एक आढ़ती द्वारा पनग्रेन को बेचे गए 50 क्विंटल धान का सौदा भी आढ़ती ने बुधवार को रद कर दिया। आढ़ती ने दलील दी है कि हड़ताल की जानकारी नहीं होने के कारण उसके मुलाजिम ने गलती से धान की बोली करा दी। हड़ताल के चलते बुधवार को केवल 250 क्विंटल धान ही मंडी में पहुंचा। किसान भी हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। पिछले साल 1 अक्तूबर को सरकारी खरीद शुरू होने के दिन ही 22 लाख 45 हजार 600 क्विंटल धान की खरीद खन्ना और सहयोगी मंडियों में हो गई थी। किसानों के लिए हड़ताल के साथ खराब मौसम भी चिंता का विषय बना हुआ है।


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