कम्युनिटी हाल नामकरण मुद्दे पर अकाली दल का सेल्फ गोल!
खन्ना के वार्ड 26 में बने खन्ना नगर कौंसिल के कम्युनिटी हाल का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव सोमवार को खन्ना नगर कौंसिल की बैठक के एजेंडे में था।
सचिन आनंद, खन्ना : खन्ना के वार्ड 26 में बने खन्ना नगर कौंसिल के कम्युनिटी हाल का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव सोमवार को खन्ना नगर कौंसिल की बैठक के एजेंडे में था। इससे एक दिन पहले रविवार को अकाली दल की तरफ से हाल का नाम भगत पूरन सिंह के नाम पर होने का दावा करते हुए नाम बदलने की निदा की और बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया। हालांकि सोमवार को जब मामला खुला तो अकाली दल इसमें बैकफुट पर जाता दिखाई दिया और मुद्दे को उठाना ही अकालियों के लिए सेल्फ गोल जैसा दिखाई देने लगा है।
बैठक के दौरान खन्ना नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी चरणजीत सिंह ने हाऊस को जानकारी दी कि कम्युनिटी हाल का नाम भगत पूरण सिंह के नाम पर रखने की बात तो दूर कौंसिल के पास कभी किसी की तरफ से इस नाम के लिए दरखास्त भी नहीं आई। उन्होंने कहा कि पहली बार कम्युनिटी हाल का नाम रखा गया है।
ब्लाक समिति के चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी ने भी अकाली दल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भगत पूरण सिंह के नाम पर राजनीति करने वालों ने अपने 10 साल के शासन में भगत पूरण सिंह के गांव राजेवाल की सुध नहीं ली। कांग्रेस सरकार आने पर विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने विधानसभा में मुद्दा उठा पंजाब सरकार से एक करोड़ की ग्रांट ली। इस ग्रांट से उनके गांव में चिल्ड्रन पार्क, स्पोर्ट्स पार्क, लेडी•ा पार्क, सीमेंट बेंच, गलियों की मरम्मत, सीवरेज पाइपलाइन, कम्यूनिटी सेंटर, ओपन जिम, नेनोवेशन आफ पोंडस और स्ट्री़ट लाईटें लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही गांव की पंचायत की तरफ से भगत पूरण सिंह की माता मेहताब कौर के नाम पर गांव के स्कूल का नाम रखने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसे पारित कराने के लिए भी विधायक कोटली प्रयास कर रहे हैं। अकालियों को अब उनके नाम पर राजनीति सूझ रही है। उनके साथ पार्षद शमिदर सिंह मिटू और विधायक के सियासी सलाहकार हरिदर सिंह कनेच भी थे।
झूठ पकड़े जाने पर बैठक से भागे अकाली : पाठक
खन्ना नगर कौंसिल के उप प्रधान जतिदर पाठक ने कहा कि अकाली नेता एक फर्जी निमंत्रण पत्र की फोटो कापी लेकर बैठक में आए थे। इसमें कम्युनिटी हाल का नाम भगत पूरण सिंह के नाम पर रखा गया था, लेकिन कौंसिल के रिकार्ड में ऐसा कोई नाम रखा ही नहीं गया। इसकी मांग भी किसी ने अब तक नहीं की। जब अकालियों का झूठ हाउस में पकड़ा गया तो वे एजेंडें को फाड़ कर बैठक से भाग गए। शहर के विकास और भलाई के लिए बनाए गए एजेंडे का निरादर करना निदनीय है। पाठक के अनुसार अकालियों ने केवल राजनीति करनी थी और वे इस राजनीति की खातिर कोई भी झूठ और फरेब बोल सकते हैं। अब उनकी पोल जनता के सामने खुल गई है। कम्युनिटी हाल का नाम पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के नाम पर ही रखा जाएगा। उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता।
कांग्रसियों से हेराफेरी की उम्मीद नहीं थी : यादू
मामले को उठाने वाले यूथ अकाली दल कोर कमेटी के सदस्य यादविदर सिंह यादू ने कहा कि पहले इमारत बनी नहीं थी। इसके नींव पत्थर के निमंत्रण पत्र पर सब वर्गों की सलाह के साथ भगत पूरन सिंह का नाम लिखा गया था। इमारत तैयार होने पर ही अधिकारिक कार्रवाई शुरू होनी थी, लेकिन कांग्रेसियों से उन्हें हेराफेरी की उम्मीद नहीं थी। यादू ने आगे कहा कि अकाली दल के शासन में भी राजेवाल गांव को ग्रांट गई है। इसके साथ ही अकाली सरकार ने भगत पूरण सिंह के नाम पर सेहत बीमा योजना गरीबों के लिए शुरू की थी। कांग्रेस की सरकार आने पर 2017 में इस बंद कर दिया गया। कांग्रेस को जरूर भगत पूरन सिंह के नाम के साथ कोई समस्या है।