फीस नहीं देने पर बच्चों को परेशान नहीं कर सकते स्कूल
जागरण संवाददाता, खन्ना : पंजाब के निजी स्कूल संचालक किसी बच्चे द्वारा स्कूल की फीस जमा नहीं कराने
जागरण संवाददाता, खन्ना : पंजाब के निजी स्कूल संचालक किसी बच्चे द्वारा स्कूल की फीस जमा नहीं कराने पर उसे ना तो परेशान कर सकते हैं और ना ही अपराध बोध करा सकते हैं। पेरेंट्स एसोसिएशन खन्ना और अन्य कई संस्थाओं से आई शिकायतों के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग और पंजाब बाल आयोग ने स्कूलों के लिए इस बाबत फरमान जारी किया है।
राष्ट्रीय बाल आयोग की सदस्य प्रियंक कानूनगो द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि फीस अदायगी नहीं होने पर स्कूलों के संचालक और स्टाफ बच्चों को मानसिक रूप से परेशान नहीं कर सकते।
खन्ना पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान सतीश शर्मा ने इस फरमान की जानकारी देते हुए इसका स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंधी पंजाब बाल आयोग के चेयरमैन सुकेश कालिया ने भी शिक्षा विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं। विभाग को सभी स्कूलों को इस बाबत आदेश जारी करने को कहा गया है। उल्लंघन पर हो सकता सजा और जुर्माना
शर्मा ने बताया कि निजी स्कूल अगर बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करते हैं तो इसे जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 75 का उल्लंघन माना जाएगा। इसमें स्कूल संचालकों को तीन साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। आयोग ने शिक्षा विभाग से पत्र के साथ एक्ट की कॉपी भेजकर इसका पालन स्कूलों से कराने को कहा है। अभिभावक ऐसे करें शिकायत
शर्मा ने बताया कि ऐसे मामले में पीड़ित अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बाल अधिकार अधिकारी, बाल अधिकार आयोग पंजाब में शिकायत कर सकते हैं। बच्चों के अधिकारों का हनन होने पर चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।