पंजाब में डीसी रेट के मुलाजिमों को मेडिकल सुविधा तक नहीं, लुधियाना में म्यूनिसिपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी ने उठाया मुद्दा
पंजाब सरकार डीसी रेट पर काम कर रहे कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा ही नहीं देती है। इसी मांग को लेकर म्यूनिसिपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन गेजा राम से मुलाकात की और उन्हें अपना मांगपत्र सौंपा।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब के अलग अलग नगर निगमों में डीसी रेट पर काम कर रहे कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मेडिकल सुविधा तक नहीं दी जाती है। जबकि यही कर्मचारी हैं जो कि शहरों को साफ सुथरा रखने व सीवरेज के मेनहोल में उतर कर सफाई करते हैं। इन कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा की सबसे ज्यादा जरूरत है। लेकिन पंजाब सरकार डीसी रेट पर काम कर रहे कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा ही नहीं देती है। इसी मांग को लेकर म्यूनिसिपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन गेजा राम से मुलाकात की और उन्हें अपना मांगपत्र सौंपा।
संघर्ष कमेटी के चेयरमैन अश्वनी सहोता ने सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन को बताया कि डीसी रेट व 70 फीसद सैंक्शन वाले सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की मांग कई सालों से चलती आ रही है। सरकारें घोषणा तो कर लेती हैं लेकिन इन कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड काल में इन कर्मचारियों ने भी बाकी निगम कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। पंजाब सरकार सभी सफाई व सीवरमैनों को सैनिकों का दर्जा देकर उनको हर तरह की सुविधाएं दें। ताकि वह निर्भीक होकर काम कर सकें।
उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा देकर उन्हें हेल्थ कार्ड जारी किए जाएं, ताकि अस्पतालों में उनका इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर 2018 तक का इपीएफ उनके खाते में डाला जाए। इस विषय में भी नगर निगम व पंजाब सरकार को कई बार लिख चुके हैं। लेकिन कर्मचारियों की इन मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन गेजा राम ने भरोसा दिलाया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और सफाई कर्मचारियों का हक उन्हें दिलाया जाएगा।
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