Coronavirus Effect: पंजाब की इंडस्ट्री पर दोहरी मार, कोविड व कच्चा माल महंगा हाेने से बढ़ी परेशानी
कच्चे माल की महंगाई ने आज तक के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं और इस समय कई उत्पादों में एक साल में दोगुना तक वृद्धि हो गई है। इसमें मुख्य रूप स्टील स्क्रैप जिंक आयरन कापर एलुमिनियम प्लास्टिक कैमिकल्स शामिल है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। कोविड काल ने जहां आम जन जीवन को प्रभावित किया है, वहीं इस संकट के दौर में इंडस्ट्रियल उत्पाद की प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित करने के साथ साथ इंटरनेशनल मार्केट में बुरी तरह से पछाड़ दिया है। इंडस्ट्री के पास कई देशों से आर्डर तो आ रहे हैं, लेकिन कच्चे माल की किल्लत से विश्व बाजार की प्रतिस्पर्धा में भारतीय कंपनियां आर्डर दे पाने में असमर्थता जता रही हैं।
दूसरा कच्चे माल की महंगाई ने आज तक के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं और इस समय कई उत्पादों में एक साल में दोगुना तक वृद्धि हो गई है। इसमें मुख्य रूप स्टील, स्क्रैप, जिंक, आयरन, कापर, एलुमिनियम, प्लास्टिक, कैमिकल्स शामिल है। इसके पीछे की मुख्य वजह कच्चे माल की एक्सपोर्ट बढ़ाने के साथ साथ इसकी जमाखोरी होना भी है। इन मुद्दों पर दैनिक जागरण की ओर से एक राउंड टेबल बैठक का आयोजन गिल रोड पर किया गया। इस पर उद्यमियों ने कई अहम विचार रखे, जिससे इंडस्ट्री को दोबारा पटरी पर लाया जा सकता है।
इंडस्ट्री के लिए जमाखोरी कोविड से भी घातक
इंडस्ट्री के लिए कोविड से भी ज्यादा घातक कच्चे माल की जमाखोरी और कार्टल का बन जाना है। बात स्टील की ही करें, तो एक साल में इसकी दाम तीस से चालीस प्रतिशत बढ़ गए हैं। यह देखने योग्य है कि मार्केट में डिमांड कम होने के बावजूद दामों में इतना इजाफा क्यों हो रहा है। सरकार को जब तक भारतीय कंपनियों को कच्चा माल नहीं मिलता, तब तक एक्सपोर्ट को बंद करना चाहिए, ताकि फिनिशड गुड्स सप्लाई किए जा सकें। - केके सेठ, एमडी, नीलम
साइकिल इंडस्ट्री वेंटीलेटर पर, आक्सीजन दे सरकार
इस समय इंडस्ट्री वैंटीलेटर की स्थिति पर है और अगर सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बचाना है, तो इंडस्ट्री को बचाने के प्रयास करने होंगे। इसके लिए सरकार को इंडस्ट्री के बिना ब्याज के लोन मुहैया करवाने चाहिए। इसके साथ ही कोविड काल का बैंक ब्याज में राहत देनी चाहिए। लाॅकडाउन से रिटेल बंद होने के चलते इंडस्ट्री के पास कैश फ्लो नहीं है और अब अगर आगे इंडस्ट्री चलानी है, तो सरकार को बेहतर कदम उठाने होंगे। - गुरमीत सिंह कुलार, एमडी, कुलार संस
एक्सपोर्ट के लिए बंपर आर्डर, लेकिन दामों के अंतर से परेशान
भारतीय उद्योगों के लिए कोविड काल के पश्चात एक्सपोर्ट को लेकर भारी डिमांड जनरेट हो रही है, लेकिन इंडस्ट्री दामों के अंतर के चलते चल पाने में असमर्थ है। कच्चे माल की जमाखोरी और एक्सपोर्ट किए जाने से उद्योगों को प्रोडक्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में एक्सपोर्ट के आर्डर हाथ में होने के बावजूद दामों के बड़े अंतर के चलते एक्सपोर्ट नहीं हो पा रही। इसको लेकर सरकार को विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है। - अशप्रीत साहनी, एमडी, सहज साल्यूशंस
बदलाव के लिए तैयार बनाना होगा रोडमैप
कोविड के चलते अब काम करने के तौर तरीकों में तेजी से बदलाव आया है, ऐसे में हम सबको इसके लिए खुद में कई अहम बदलाव करने होंगे। इसको लेकर इंडस्ट्री और सरकार के प्रतिनिधियों को मिलकर इसका रोडमैप बनाना होगा। कोविड काल से बाहर आने के लिए इंडस्ट्री में तब्दील करना होगा। - मनजिंदर सिंह सचदेवा, एमडी, सिटीजन ग्रुप
एमएसएमई इंडस्ट्री पर फोकस करने की जरूरत
देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की भूमिका अहम है, भारतीय उत्पादन क्षमता में 60 प्रतिशत योगदान इस सेक्टर का है। लेकिन कोविड काल में सबसे ज्यादा दिक्कत में यही सेक्टर आया है। ऐसे में सरकार को इस सेक्टर पर विशेष ध्यान देना चाहिए और एमएसएमई उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए स्पेशल पैकेज लाए जाए। - गुरमुख सिंह रूपल, एमडी, जीडी रूपल इंडस्ट्री
पहली बार देखा कि डिमांड कम और महंगाई तेज
हर बाद सबने सुना होगा कि जब डिमांड कम होती है, तब दाम कम हो जाते हैं, लेकिन कोविड के दौरान इससे उलटा देखने को मिल रहा है। कई उत्पादों के दामों में बेहताशा वृद्धि हो गई है। जोकि आज तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इसके पीछे मुख्य वजह जमाखोरी और बड़े कारपोरेट घरानों का इस समय कच्चे माल की एक्सपोर्ट को बढ़ाए जाना है। इसी के चलते इंडस्ट्री बेहद कठिन दौर में हैं। - सतनाम सिंह मक्कड़, एमडी, एमएस इंडस्ट्री
लेबर भी भय के चलते गई, मुफ्त वैक्सीनेशन करवाए सरकार
एमएसएमई इंडस्ट्री के लिए लेबर को वैक्सीनेशन करवाना संभव नहीं है। सरकार को ईएसआई और पीएफ सहित लेबर वैल्फेयर फंड का इस्तेमाल हर किसी को वैक्सीनेशन के लिए करना चाहिए। वैक्सीनेशन न होने के चलते डर से काफी कर्मचारी घरों को चले गए हैं, ऐसे में एग्री पार्ट्स में एक्सपोर्ट की बढ़ी मांग के बावजूद प्रोडक्शन नहीं हो पा रही। इसको लेकर सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए। - हरीश ढांडा, आटो इंजीनियर्स एवं एग्री पार्ट्स
राहत तो नहीं दी, बिजली कर दी महंगी
प्रदेश सरकार से कोविड के दौरान राहत दिए जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन सरकार की ओर से किसी तरह की राहत तो नहीं दी गई है, बल्कि बिजली के दामों में इजाफा कर इंडस्ट्री पर बिना काम के बोझ डाल दिया गया है। इसके लिए अब इंडस्ट्री कम प्रोडक्शन कर भी फिक्स्ड चार्जेस के रूप में सरकार को अधिक पैसे देगी। ऐसे में इंडस्ट्री कैसे कासिंटग निकालेगी। पहले ही प्रोडक्शन की रफतार धीमी है। - हरपाल सिंह भंबर, एमडी, भंबर मकैनिकल वर्क्स