Ludhiana Industry Issues: उद्यमियों ने उठाई नो एनहांसमेंट पॉलिसी और वन टाइम सेटलमेंट की मांग
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि कोरोना के कारण उद्यमी पहले से नुकसान झेल रहे हैं। उन्हें सरकार से राहत और समर्थन की उम्मीद है।
लुधियाना, जेएनएन। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन (फीको) ने एक बार फिर नो इन्हांसमेंट पॉलिसी और वन टाइम सेटलमेंट की मांग उठाई है। मंगलवार को फीको के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान गुरमीत सिंह कुलार, वाइस चेयरमैन विपन मित्तल और कृषि विंग के प्रभारी गगनीश सिंह खुराना के नेतृत्व में पंजाब स्माॅल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पीएसआईईसी) के चेयरमैन गुरप्रीत गोगी और एमडी सुमित जारंगल से मुलाकात की। बैठक में उद्यमियों की समस्याओं पर मंथन किया गया। उद्यमियों ने फोकल प्वाइंट के प्लॉट धारकों के लिए नो एनहांसमेंट पॉलिसी और वन टाइम सेटलमेंट की मांग की।
उद्यमियों ने कहा कि करीब छह साल पहले पीएसआईईसी ने फोकल प्वाइंट के फेज आठ में प्लाट धारकों को 249 रुपये प्रति वर्ग गज का नोटिस जारी किया था। बाद में यह 24 रुपये प्रति वर्ग गज में सेटल हो गया था। अब फिर से पीएसआईईसी ने एक ओर नोटिस जारी करके फोकल प्वाइंट फेज आठ के प्लाट धारकों को 474 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से एनहांसमेंट जमा कराने के निर्देश दिए हैं। पहले ही पीएसआईईसी सौ फीसद की वृद्धि ले चुका है। अब ब्याज और अन्य खर्च शामिल करके लागत एक हजार रुपये प्रति वर्ग गज तक पहुंच गई है। यह पूरी तरह से नाजायज एवं तर्कहीन है।
उद्यमियों ने कहा कि एनहांसमेंट लंबित होने के कारण उद्यमियों का काफी नुकसान हो रहा है। बैंकों समेत सभी संस्थाओं से जुड़े काम ठप पड़े हैं। वित्तीय संस्थाएं पीएसआईईसी से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की मांग करती हैं। फोकल प्वाइंट फेज आठ में उद्यमी सरकार की इनवेस्ट पंजाब की नीति को भी अपना नहीं पा रहे हैं। कोरोना के चलते उद्यमी पहले ही नुकसान झेल रहे हैं। ऐसे में सरकार को उद्योगों का समर्थन करना चाहिए।
उद्यमियों ने बताया कि हरियाणा में नो एनहांसमेंट पालिसी लागू है, उसी तर्ज पर इसे पंजाब में भी लागू किया जाए। इसके साथ ही उद्यमी प्रापर्टी टैक्स एवं अन्य विभागों की तर्ज पर पीएसआईईसी से भी वन टाइम सेटलमेंट की मांग कर रहे हैं। इस अवसर पर सुरिंदर पाल सिंह, विक्रमजीत सिंह, रजनीश आहूजा, ओपी बस्सी, जसविंदर सिंह भी मौजूद रहे।
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