Move to Jagran APP

लुधियाना में शहर के अस्पतालों में बेड को लेकर हाहाकार, देहात में खाली पड़े हैं 200 से ज्यादा

लुधियाना में कोरोना मरीजों को बचाने के लिए अस्पतालों में बेड की कमी आक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बड़ी बाधा बन रहे हैं। दूसरी तरफ हकीकत यह है कि लुधियाना शहर के निकलकर ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में करीब 200 से अधिक बेड खाली पड़े हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 07:21 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 07:21 AM (IST)
लुधियाना में शहर के अस्पतालों में बेड को लेकर हाहाकार, देहात में खाली पड़े हैं 200 से ज्यादा
लुधियाना शहर के निकलकर ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में करीब 200 से अधिक बेड खाली पड़े हैं।

जगराओं, [संजीव गुप्ता]। कोरोना महामारी के विकराल रूप से जूझ रहे मरीज इलाज के लिए तरस रहे हैं। शहर के हालात यह हैं कि मरीजों को बचाने के लिए अस्पतालों में बेड की कमी, आक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बड़ी बाधा बन रहे हैं। दूसरी तरफ हकीकत यह है कि लुधियाना शहर के निकलकर ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में करीब 200 से अधिक बेड खाली पड़े हैं। इन अस्पतालों में 70 से अधिक आक्सीजन सिलेंडर का स्टाक भी है। ग्रामीण अस्पतालों में प्रबंध की काफी कमी है। यदि प्रशासन चाहे तो उक्त इंफ्रास्ट्रकचर को उपयोग में ला सकता है।

loksabha election banner

दरअसल जागरण टीम ने बेड को लेकर मची हाहाकार के बाद ग्रामीण इलाके का जायजा लिया तो सामने आया कि सिविल अस्पताल जगराओं, रायकोट सिविल अस्पताल, सिंधवा बेट कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हठूर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के अलावा हंबड़ा, मुल्लांपुर एवं पक्खोवाल के कम्युनिटी सेंटरों में कुल मिलाकर करीब 200 से अधिक बेड खाली हैं। सेहत विभाग के नियमों के अनुसार चाहे ग्रामीण इलाके के कुछ अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज संभव नहीं होगा, लेकिन जगराओं, रायकोट, हठूर एवं सिंधवा बेट में सिर्फ आक्सीजन एवं बिस्तर की कमी के कारण परेशान हो रहे मरीजों को बचाया जा सकता है।

अस्पतालों में बेड व सिलेंडर  

अस्पताल                          बेड   आक्सीजन सिलेंडर

जगराओं सिविल अस्पताल    65      20

रायकोट सिविल अस्पताल     50      11

सुधार सिविल अस्पताल         30      18

सिंधवा बेट सिविल अस्पताल  23      15

प्राइमरी हेल्थ सेंटर मुल्लांपुर   10       2

प्राइमरी हेल्थ सेंटर हंबड़ा        5       2

इन अस्पतालों में प्रबंधों की जरूरत

जिले के कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में डाक्टरों एवं स्टाफ को शिफ्ट किया जा रहा है, जबकि जरूरत है कि इन अस्पतालों में ही कोरोना मरीजों के इलाज का इंतजाम किया जाए। जिले के ग्रामीण अस्पतालों से मेडिकल स्पेशलिस्ट डाक्टरों के ही तबादले किए गए। इससे मरीज इलाज को भटक रहे हैं।

सिविल सर्जन बोलीं, इलाज की गुंजाइश देखी जाएगी

जगराओं सिविल अस्पताल एवं अन्य अस्पतलों में कोरोना मरीजों को दाखिल न करने को लेकर सिविल सर्जन डा. किरण आहलूवालिया ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने जगराओं में तो लेवल-टू वार्ड होने की बात भी कही। साथ ही उन्होंने कहा कि इन सारे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज की गुंजाइश देखी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.