डॉक्यूमेंट अधूरे बताकर केंद्र ने रोका जीएसटी रिफंड
केंद्र सरकार की ओर से गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी)लागू करने के बाद वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। अब सरकार डाक्यूमेंटेशन का बहाना बनाकर उद्योगपतियों के रिफंड रोक रही है।
मुनीश शर्मा, लुधियाना
केंद्र सरकार की ओर से गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी)लागू करने के बाद वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। अब सरकार डाक्यूमेंटेशन का बहाना बनाकर उद्योगपतियों के रिफंड रोक रही है। एक अनुमान के मुताबिक देश भर में 50 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड क्लेम पेंडिंग है लेकिन सरकार के दावे के मुताबिक रिफंड क्लेम की संख्या मात्र आठ हजार करोड़ ही है। इसका मुख्य कारण ज्यादातर रिफंड एप्लीकेशस को सरकार ने डाक्यूमेंट न पूरे होने का कारण बताकर रोका हुआ है। अकेले लुधियाना में ही दो हजार करोड़ रुपये से अधिक एक्सपोर्टर्स का रिफंड बकाया है। जिस कारण एक्सपोर्टर्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पैसों की कमी के चलते एक्सपोर्टर आगे ऑर्डर लेने में भी अमसर्थ हैं।
जीएसटी ऑनलाइन रिफंड के दावे बिल्कुल खोखले साबित हो चुके हैं। एक्सपोर्टर्स को बार-बार सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने के साथ साथ दलालों का सहारा लेकर रिफंड लेना पड़ रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार बकाया वैट रिफंडों के मुद्दे को भी नहीं सुलझा पाई है। अनुमान के मुताबिक पंजाब में दो हजार करोड़ रुपये का वैट रिफंड बकाया है। जिसे सरकार पूरा करने की स्थिति में नहीं है। सरकारी घोषणाओं के मुताबिक हर माह 100 करोड़ रुपये से ऊपर के रिफंड दिए जा रहे हैं। लेकिन किन लोगों को ये रिफंड मिल रहे हैं, इसका कोई पता नहीं है।
बन रहे टकराव के हालात: जिंदल
फोपसिया अध्यक्ष बदीश जिन्दल के मुताबिक अगर सरकार ने जीएसटी प्रक्रिया में रिफंड क्लेम न दिए तो जलद ही उद्योगपतियों को टैक्स जमा करवाने में भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में सरकार के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार को चाहिए कि प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का हल करे।
उद्योगों को जेब से देना पड़ रहा ब्याज: नारंग
अपर्ण साइकिल के एमडी उमेश कुमार नारंग के मुताबिक इस समय स्थिति बेहद पेचीदा है। सरकार को जीएसटी के रिफंड समय से देने के साथ-साथ पुराने वैट रिफंड तत्काल जारी करने चाहिए। इस समय इंडस्ट्री को अपनी जेब से इसके लिए ब्याज देना पड़ रहा है, जो कॉस्टिंग को अधिक बढ़ा रहा है।
सरकार को तत्काल देना चाहिये रिफंड: कुलार
फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक इंडस्ट्री वैट रिफंड के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है। कुछेक को रिफंड मिले हैं लेकिन कईयों के बकाया है। सरकार को तत्काल कार्रवाई कर वैट रिफंड दिए जाने चाहिए।