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विवाद में रहे जीएसटी अधिकारियों को दूसरे विभागों में करें शिफ्ट

पंजाब में बढ़ रहे जीएसटी एवं बोगस बिलिग घोटालों के बावजूद सरकार का सक्रिय न होना उद्योगों के लिए चिता का विषय बन चुका है। पंजाब में वैट टैक्सेशन के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों को अंजाम दिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 07:34 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 07:34 AM (IST)
विवाद में रहे जीएसटी अधिकारियों को दूसरे विभागों में करें शिफ्ट
विवाद में रहे जीएसटी अधिकारियों को दूसरे विभागों में करें शिफ्ट

जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब में बढ़ रहे जीएसटी एवं बोगस बिलिग घोटालों के बावजूद सरकार का सक्रिय न होना उद्योगों के लिए चिता का विषय बन चुका है। पंजाब में वैट टैक्सेशन के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों को अंजाम दिया गया था। अब यही हाल जीएसटी कर प्रणाली के दौरान भी बना हुआ है। जीएसटी विभाग के ज्यादातर अधिकारी वर्षो से एक ही शहर में टिके हुए हैं और यह भी उनके घोटालों के पीछे का मुख्य कारण है। इस संबंध में फेडरेशन आफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (फोपसिया) की ओर से एक पत्र मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिदर सिंह को लिखकर कुछ तथ्यों की जानकारी दी गई है।

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प्रधान बदीश जिंदल ने कहा कि हाल ही में जीएसटी विवादों में आए ज्वाइंट डायरेक्टर वीके विरदी के खिलाफ 2013 में भी भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें विभाग द्वारा कच्ची पर्चियों पर कैश की रिसिविग दी गई थी। इसके बावजूद विभाग ने इन शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उसके बाद एक आरटीआइ द्वारा जानकारी प्राप्त की गई थी कि पंजाब में जीएसटी रिफंड घोटालों में निष्कासित किए गए अधिकारी कौन से है। इसमें हैरानी वाली बात पता चली कि उन अधिकारियों को तरक्की देकर विभाग के प्रमुख पदों पर असीन कर दिया गया। इसके अलावा लिखित रुप में फोपसिया द्वारा सबूतों के साथ यह भी शिकायत दी गई थी कि किस प्रकार आटो पा‌र्ट्स और अन्य कारोबारी दो नंबर में अपना माल बेच रहे हैं, लेकिन विभाग इन शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग इन घोटालेबाजों को सीधे रूप से सहायता दे रहा है। आज लुधियाना में आटो पा‌र्ट्स, हार्डवेयर, साइकिल, बिजली का सामान, कंस्ट्रक्शन से संबंधित सामग्री पर दुकानदार बिल नहीं काट रहे। लेकिन फिर भी विभाग इनपर कोई कार्रवाई करने का इच्छा शक्ति नहीं रख रहा।


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