लुधियाना के किसान दलजीत सिंह ने पेश की मिसाल,125 एकड़ में धान बोया फिर भी पराली काे नहीं लगाई आग
किसान दलजीत सिंह ने कहा कि वह की कटाई सुपर एसएमएस के जरिये करते हैं। इसके बाद मशीन की मदद से धान की फसल को खेत में फैला दिया जाता है। फ़िर उलटे हल के साथ खेत में पराली को मिलाया जाता है।
लुधियाना, जेएनएन। पखोवाल के गांव लटाला के प्रगतिशील किसान दलजीत सिंह लगभग 125 एकड़ (अपने 20 और 105 ठेकों पर) खेती करते हैं। यह किसान अपनी भूमि को सुधारने और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पिछले 3 वर्षों से पराली प्रबंधन के लिए उन्नत तकनीकों को अपना रहा है।
किसान दलजीत सिंह ने कहा कि वह की कटाई सुपर एसएमएस के जरिये करते हैं। इसके बाद मशीन की मदद से धान की फसल को खेत में फैला दिया जाता है। फ़िर उलटे हल के साथ खेत में पराली को मिलाया जाता है और एक रोटावेटर के साथ खेत को तैयार करने के बाद आलू को बोते है।
इसी तरह रोटरी ड्रिल तैयार खेत में गेहूं बोते है। प्रगतिशील किसान ने कहा कि वह हैप्पी सीडर के साथ खड़े डंठल में 4 एकड़ में गेहूं बोते है। आलू के अलावा, किसान 30 एकड़ पुदीना, 60 एकड़ में वसंत मक्का और 10 एकड़ में 60 मूंग की खेती भी करते है। उन्होंने कहा कि पराली को खेत मे मिलाने से उनकी भूमि में कार्बनिक पदार्थ बढ़ गए हैं और सूक्ष्म जीवों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि जहां रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम हुआ है, वहीं उत्पादन और गुणवत्ता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि खर्चों में कमी से सभी फसलों की समय पर कटाई हो सकती है और लाभ बढ़ गया है। क्षेत्र के किसान इसे प्रेरणा का स्रोत मानते हैं।