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आर्थिक मंदी की मार, निर्यातकों को अब सरकार के प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार Ludhiana News

निर्यातकों का मत है कि सरकार की ओर से दिए गए पैकेज का तुंरत कोई लाभ नहीं होगा। इसके अलावा निर्यात प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई नई स्कीम रॉडटेप जनवरी 2020 से लागू होगी।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 02:19 PM (IST)
आर्थिक मंदी की मार, निर्यातकों को अब सरकार के प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार Ludhiana News
आर्थिक मंदी की मार, निर्यातकों को अब सरकार के प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। आर्थिक मंदी से जूझ रहे निर्यातकों को पटरी पर लाने के मकसद से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है। आर्थिक राजधानी के निर्यातक इस पैकेज को डिकोड करने में जुटे हैं, लेकिन अभी तक उनको इस पैकेज से मिलने वाला कोई तुरंत लाभ नजर नहीं आ रहा है। साथ ही उद्यमी एक दूसरे से प्रोत्साहन पैकेज से होने वाले संभावित लाभ के बारे में भी पूछ रहे हैं।

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निर्यातकों का मत है कि सरकार की ओर से दिए गए पैकेज का तुंरत कोई लाभ नहीं होगा। इसके अलावा निर्यात प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई नई स्कीम रॉडटेप जनवरी 2020 से लागू होगी। उसके बाद कुछ फायदा अवश्य हो सकता है। निर्यातकों का कहना है कि उनकी दिक्कतों को समझ कर ही सरकार को समाधान करना होगा, तभी देश से निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

काबिलेजिक्र है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 सितंबर को निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए नई राहतों का ऐलान किया। सरकार का मानना है कि इन राहतों से निर्यात को धार मिलेगी, लेकिन निर्यातकों का मत इससे भिन्न है।

निर्यात क्षेत्र में फंड का प्रवाह बढऩा मुश्किल

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि निर्यात क्षेत्र के लिए ऋण का फ्लो लगातार कम हो रहा था। पहले निर्यात क्षेत्र को कुल एडवांसेस का 13 फीसद से अधिक दिया जा रहा था, जोकि अब पांच फीसद से भी कम हो गया है। सरकार ने इस क्षेत्र में फंड का फ्लो बढ़ाने के लिए 68 हजार करोड़ तक की अतिरिक्त राशि बैंकों को मुहैया कराई है। रल्हन का कहना है कि इससे निर्यातकों को सीधे कोई लाभ नहीं होगा। क्योंकि बैंकों का रूख काफी सख्त है और वे लोन देने में कई तरह की अड़चनें पैदा करते हैं। ऐसे में फंड का प्रवाह बढऩा मुश्किल लग रहा है।

रॉडटेप स्कीम का कोई रोडमैप नहीं

इसके अलावा सरकार ने निर्यात उत्पादों पर शुल्कों की कटौती-रॉडटेप नामक नई स्कीम शुरू करने का ऐलान किया है, लेकिन इस स्कीम में अभी तक दरें तय नहीं की गई हैं। साथ ही इसका कोई रोडमैप नहीं बनाया गया है। ऐसे में इस स्कीम का लाभ अभी दिखाई नहीं दे रहा है। रल्हन का कहना है कि इससे न निर्यातकों की ट्रांजेक्शन लागत कम होगी और न ही उत्पादन लागत।

निर्यातकों को वक्त पर नहीं मिल रहे रिफंड

निटवियर अपैरल एक्सपोटर्स आर्गेनाइजेशन के प्रधान हरीश दुआ के अनुसार सरकार ने पैकेज के नाम पर निर्यातकों की राह आसान नहीं की है। इससे फिलहाल कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। उनका कहना है कि कई टैक्स निर्यात हो रहे हैं, निर्यातकों के रिफंड वक्त पर नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में सरकारी कदम से निर्यात में इजाफा होने की संभावना काफी कम है। सरकार को निर्यातकों से बात करके, उनकी समस्याओं को समझ कर ही राहतों का ऐलान करना चाहिए, ताकि देश से निर्यात को नई बुलंदियों पर पहुंचाया जा सके।

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