लक्षण महसूस होने पर जांच जरूरी, लुधियाना में एक्सपर्ट बोले- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित पैनल डिस्कशन में शहर वरिष्ठ चिकित्सकों ने मौजूदा स्थिति को खतरनाक बताया। उन्होंने वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़ा हथियार बताया। वैक्सीन से शरीर में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बन जाती है जिससे वायरस जानलेवा नहीं रह जाता।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना महामारी एक बार फिर भयावह हो चली है। हर रोज 500 से 600 संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञ लापरवाही को जिम्मेदार बता रहे हैं। लोग कोविड-19 के खतरे को हल्के में ले रहे हैं। पिछले साल लोग नियमों का पालन कर रहे थे लेकिन दूसरी लहर में ऐसा नहीं कर रहे हैं। बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होने पर भी लोग टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। जब तकलीफ बढ़ जाती है तो अस्पताल पहुंच रहे हैं। दैनिक जागरण की ओर से आयोजित पैनल डिस्कशन में शहर वरिष्ठ चिकित्सकों ने मौजूदा स्थिति को खतरनाक बताया। उन्होंने वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़ा हथियार बताया। वैक्सीन से शरीर में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बन जाती है जिससे वायरस जानलेवा नहीं रह जाता।
गंभीर खतरे से बचाती है वैक्सीन
फोर्टिस अस्पताल के क्रिटिकल केयर एडिशनल डायरेक्टर डा. विनय सिंघल का कहना है कि हेल्थ केयर वर्कर सहित दूसरे लोग वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं। इस समय वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। वैक्सीन लगाने के बाद अगर कोरोना होता है तो वह माइल्ड कोविड या बिना लक्षण का हो सकता है। यह जानलेवा नहीं होगा।
अफवाहों पर ध्यान न दें महिलाएं :
आइएमए लुधियाना की अध्यक्ष डा. सरोज अग्रवाल का कहना है कि इंटरनेट मीडिया पर फैलाई अफवाहों के कारण महिलाएं वैक्सीन नहीं लगवा रही हैं। यह गलत है कि टीका लगने के बाद गर्भ धारण की समस्या होती है। सिर्फ गर्भवती और शिशुओं को स्तनपान करवाने वाली महिलाएं वैक्सीन न लगवाएं।
डॉ. विनय सिंघल और डॉ. सरोज अग्रवाल।
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वैक्सीन के बाद भी मास्क जरूरी
दीप अस्पताल के मेडिकल ओंकोलाजी के डायरेक्टर डा. अमित धीमान कहते हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ धोना पहले जितना ही जरूरी है। यह तब तक करना होगा जब तक देश की 80 फीसद आबादी में हार्ड इम्यूनिटी विकसित नहीं हो जाती है।
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लापरवाही पर पाबंदी लगानी होगी
मोहनदेई ओसवाल अस्पताल की इंटरनल मेडिसन की सीनियर कंसलटेंट व कोविड नोडल अफसर डा. गीति पुरी ने कहा कि हमें खुद की लापरवाहियों पर पाबंदी लगानी होगी। पिछले साल लाकडाउन लगा तो लोग घर पर रहने लगे। मास्क पहनने लगे लेकिन अब बाजारों, सड़कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कहीं नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। लक्षण होने पर भी लोग जांच करवाने अस्पताल जाने की जगह कैमिस्ट से दवा ले रहे हैं।
डॉ. अमित धीमान और डॉ. गीति पुरी।
सीख के साथ सख्ती भी जरूरी
इंडिया डेंटल एसोसिएशन लुधियाना के अध्यक्ष डा. पीएस ग्रोवर का कहना है कि कोविड नियमों का पालन करने के लिए सरकार बार-बार अपील कर रही है। फिर भी लोग समझने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में सीख के साथ सख्ती भी जरूरी है। क्योंकि संक्रमण के प्रति लापरवाह हो जाने के कारण ही कोरोना की दूसरी लहर तेज गति के साथ आई है। लोगों को नियमों का पालन करना अनिवार्य करना होगा। ऐसा नहीं करने पर संक्रमण इतना फैल जाएगा कि इसे काबू करना मुश्किल हो जाएगा।
डॉ. पीएस ग्रोवर और डॉ. कर्मवीर गोयल।
वैक्सीन लगवाने में देरी न करें
लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के मेडिसन विशेषज्ञ डा. कर्मवीर गोयल कहते हैं कि दूसरी लहर में अन्य बीमारियों से पीडि़त लोगों को ज्यादा खतरा है। ऐसे लोग वैक्सीन लगवाने में बिलकुल देरी न करें। अगर वे वैक्सीन लगवा लेते हैं तो संक्रमण का शिकार होने के बाद उन्हें आइसीयू में भर्ती करने जैसी नौबत नहीं आएगी।
काढ़ा, तुलसी के बाद भी वैक्सीन जरूरी
आयुर्वेदाचाय डा. रविंदर वात्सायायन ने कहा कि बहुत से लोगों को यह लग रहा है कि काढ़ा, तुलसी, गिलोय, हल्दी से वह इम्यूनिटी बढ़ा रहे हैं तो उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है। यह सोच गलत है। इन सब के बावजूद वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है।
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