Ludhiana Coronavirus Update : लुधियाना में पुलिस कमिश्नर समेत 758 लोग कोरोना संक्रमित, 10 की मौत
Ludhiana Coronavirus Update लुधियाना में पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल समेत 758 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव मिली और अलग-अलग इलाकों में रहने वाले 10 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा दूसरे जिलों के 81 लोग पाजिटिव मिले
लुधियाना, जेएनएन। जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को भी पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल समेत जिले के 758 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव मिली और अलग-अलग इलाकों में रहने वाले 10 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा दूसरे जिलों के 81 लोग पाजिटिव मिले और चार संक्रमितों की मौत हो गई। जिले में अब तक 43821 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 37864 लोग रिकवर हो चुके हैं।
जिले में अब तक कोरोना से 1253 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को कोरोना से दम तोडऩे वालों में मुंडिया कलां, गांव लाहल, गांव दोहड़का, शिमलापुरी, बस्ती जोधेवाल, शेरपुर, ढंडारी कलां, ग्यासपुरा, गांव लसारा और ढोलेवाल के मरीज शामिल रहे।
सीपी ने खुद के संक्रमित होने की जानकारी खुद लुधियाना कमिश्नरेट की फेसबुक वाल पर दी और बताया कि वे होम आइसोलेट हो गए हैं। उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले लोगों से भी टेस्ट करवाने की अपील की। सीपी ने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय तक कोविड-19 से लड़ते हुए खुद को उससे दूर रखने में सफल रहा। 18 अप्रैल को जब वे उठे तो बदन दर्द हो रहा था और सिर में भी भारीपन था। बुखार चेक किया तो 101 डिग्र्री था। इसके बाद उन्होंने रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया।
सीपी ने बताया कि उन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं। इसलिए डाक्टरों का कहना है कि वे अन्य मरीजों के मुकाबले जल्दी ही रिकवर हो जाएंगे। डाक्टरों ने मुझे कुछ बुनियादी दवाएं निर्धारित की हैं। सीपी ने कहा कि यह वायरस बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है। संभव हो सके तो इस अप्रैल का महीना पूरी तरह सावधानी बरतें। मैं आपको अपडेट करता रहूंगा। जल्द ही हम एक साथ फिर से वापस मिलेंगे।
एक्टिव केस बढ़े, अस्पतालों में बेड की शार्टेज
जिले में एक्टिव केस बढऩे से निजी व सिविल अस्पतालों में बेड की शार्टेज आने लगी है। निजी अस्पतालों में लेवल-2 के बेड की कमी होने लगी है। करीब 60 फीसद बेड फुल हो चुके हैं और लेवल-3 के बेड भी काफी कम रह गए हैं। ऐसे में संक्रमितों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
समय पर जांच नहीं करवा रहे लोग
सेहत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों में गंभीर मरीजों के बढने की सबसे बड़ी वजह है कि लोग कोरोना के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर रहे हैं और समय रहते टेस्ट नहीं करवा रहे। अगर लोग समय पर लक्षणों की जांच करवाकर अच्छे चिकित्सकों से इलाज करवाएं, तो गंभीर स्थिति में जाने से बच सकते हैं।