सांसद रवनीत बिट्टू के बयान से मचा सियासी बवाल, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
किसानों का कहना है कि राजनीतिज्ञों के बयान से उनका कोई लेना-देना नहीं है लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सांसद बिट्टू के बयान पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस भोले भाले किसानों को भड़काना चाहती है।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। लुधियाना लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के एक बयान से फिर सियासी बवाल हो गया है। दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे बिट्टू अकसर अपने बयानों को लेकर विवादों में फंसते रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि किसानों के मंच पर कब्जा करने वाले भोले किसानों को मरवा देंगे और अब उन्होंने लाशों के ढेर लगाने की बात कह दी। सांसद बिट्टू के इस बयान से सियासत गर्मा गई है और कांग्रेस आलाकमान भी पशोपेश में फंस गई है।
हालांकि किसानों का कहना है कि राजनीतिज्ञों के बयान से उनका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सांसद बिट्टू के बयान पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस भोले भाले किसानों को भड़काना चाहती है। वह माहौल खराब करना चाहते हैं जबकि बिट्टू के बयान को पार्टी भी गंभीरता से देख रही है।
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टिकट के लिए आरएसएस की ओर झुकाव
पहले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की तरफ से साथ छोड़ने और फिर किसान आंदोलन के कारण पंजाब की भाजपा अलग-थलग पड़ गई। मगर अब उसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं संजीवनी दे रही हैं। कभी खाली रहने वाली शाखाओं में इन दिनों सदस्यों की संख्या बढऩे लगी हैं। ठंड के बावजूद नेता पहुंच रहे हैं और आरएसएस के करीब पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। वहां आने वाले कुछ नए लोगों को देखकर शाखा के एक सक्रिय सदस्य ने कहा, पहले ये लोग कभी शाखा नहीं आते थे।
जब से शिअद से भाजपा ने नाता तोड़ा है, तब से अचानक इनका रुझान शाखा की ओर बढ़ा है। इसका कारण अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर उतरेगी और चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं को लगता है कि आरएसएस की निकटता से ही उन्हें टिकट मिलने में आसानी होगी। इसी कारण वह अपने समर्थकों के साथ पहुंच रहे हैं।
किसानों को कांग्रेस का बैकअप
आंदोलन को लेकर राजनीतिज्ञों को भले ही किसान मंच प्रदान नहीं कर रहे, लेकिन सियासी लोग किसानों के वोटबैंक को किसी भी शर्त पर छोड़ना नहीं चाहते। दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के पीछे सत्ताधारी कांग्रेस लगातार सपोर्ट कर रही है, मगर वह अभी पूरी तरह प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आ रही। जंतर-मंतर में भले ही चंद कांग्रेसी सांसद किसानों के हक में लगातार धरना दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदर्शनकारी किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील कर रहे हैं।
इसके साथ ही सीएम केंद्र सरकार पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। उधर, कांग्रेस के विधायक भले ही धरने और प्रदर्शनों में प्रत्यक्ष रूप से नहीं आ रहे, मगर खन्ना से कांग्रेस के विधायक गुरकीरत कोटली ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि वह दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों की मदद कर रहे हैं। उन्हें सामान भेजने के साथ बैकअप कर रहे हैं।
हमदर्दी के लिए यह कैसा प्रदर्शन
कृषि सुधार कानूनाें के खिलाफ कई संगठन समर्थन में आ रहे हैं। हर कोई किसानों का हमदर्द बनने की जुगत में रहता है, लेकिन कुछ ने तो इसे मजाक बना लिया है। बड़ी-बड़ी कारों में सफर करने वाले इन लोगों ने अनूठा प्रदर्शन किया। शहर के पाश इलाकों की महिलाओं ने किसानों के हक में बीएमडब्ल्यू से लेकर मर्सिडीज कारों में रैली निकाली, लेकिन इस दौरान युवतियां कार की खिड़की से निकलकर बाहर की ओर निकली हुईं थीं।
चलती कार में वे बाहर की ओर हाथ उठाकर नारेबाजी कर तस्वीरें खिंचवाते हुए मस्ती कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने ट्रैफिक नियमों का भी उल्लंघन किया। यदि कार या उसमें से बाहर निकली युवती अनियंत्रित हो जाती तो वे गिर सकती थी। मगर न तो पुलिस और न ही आयोजकों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। कुछ महिलाएं ट्रैक्टर पर भी रैली में शामिल हुईं, लेकिन ऐेसे प्रदर्शन से क्या फायदा।