Make in india campaign: फेस्टिवल सीजन में मेक इन इंडिया कैंपेन चलाएंगे कारोबारी, जागरूकता के साथ देसी उत्पादों को देंगे तरजीह
Make in india campaign पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेहरा के मुताबिक बिना स्वदेशी क्रांति लाए देश की तरक्की संभव नहीं है। हाली में कुछ माह में चीन की इंपोर्ट कम होने से भारत के कारखानों में तेजी देखने के मिली है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Make in india campaign: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
देखने को मिल रही है। हाल ही में चीन के साथ संबंधों में आए तनाव के बाद अब व्यापारी वर्ग भी चीन के उत्पादों को मनाही कर मेक इन इंडिया उत्पादाें को अग्रसर करने की तैयारी में हैं।
इसके लिए इस त्योहारी सीजन व्यापारियों की ओर से चीनी उत्पादों के बायकाट की तैयारी है। ताकि भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ाया जा सके और चीन की अर्थव्यवस्था को इस फेस्टीवल सीजन से चोट दी जा सके। इसके लिए बाजारों के साथ साथ दुकानों में नो चाइनिज प्रोडक्ट का प्रचार किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे उत्पादों को तरजीह दी जाएगी, जो मेक इन इंडिया हो।
व्यापारियों के साथ बैठकें कर जागरूकता अभियान शुरू
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेहरा के मुताबिक बिना स्वदेशी क्रांति लाए देश की तरक्की संभव नहीं है। हाली में कुछ माह में चीन की इंपोर्ट कम होने से भारत के कारखानों में तेजी देखने के मिली है। अगर सभी व्यापारी ठान लें कि हमें केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री करनी है, तो भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाएगी। इसी को ध्यान में रखकर व्यापार मंडल की ओर से बाजारों में बैठकों का दौर आरंभ किया है। इसमें व्यापारियों को जागरूक किया जा रहा है कि वे केवल स्वदेशी को तरजीह दें और फेस्टीवल सीजन में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहयोग करें।
बाजारों में होर्डिंग एवं दुकानों पर लगेंगे पोस्टर
लुधियाना कंज्यूमर प्रो़डक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के प्रधान हरकेश मित्तल के मुताबिक नो चाइनीज उत्पाद बिक्री को लेकर हम सबको सजग होना पड़ेगा। इसके लिए हर देशवासी को आगे आना चाहिए। जहां व्यापारियों को स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को तरजीह देनी चाहिए, वहीं ग्राहकों को भी स्वदेशी उत्पादों को खरीदकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।
इसको लेकर अब बाजारों में कंपेन आरंभ की जाएगी। विभिन्न बाजारों की एसोसिएशनों के साथ मिलकर हर बाजार में नो चाइनीज उत्पाद के होर्डिंग लगाने के साथ साथ दुकानों पर भी पोस्टर लगाए जाएंगे। ताकि ग्राहकों को भी जागरूक किया जा सके।
35 प्रतिशत लाइटें होंगी मेक इन इंडिया
लुधियाना इलेक्ट्रिकल मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान जसमीत सिंह मक्कड़ के मुताबिक मेक इन इंडिया के लिए हम सब जागरूक है। लेकिन ग्राहकों के रुख पर ही इसका आधार निर्भर करता है। इस साल चीन के मुकाबले पहली बार मार्केट में स्वदेशी फैंसी लाइटें आई है। अभी 35 से 40 प्रतिशत व्यापार स्वदेशी की ओर जाने की उम्मीद है।
हमारा लक्ष्य है कि अगर इस साल 40 प्रतिशत की नींव रखी गई, तो आने वाले साल में इसे 70 फीसदी किया जा सकता है। इसके लिए भारतीय कंपनियों को लाइटों के दामों को वाजिब करना होगा। इसको लेकर की कंपनियों ने अच्छी पहल भी की है। हमारे बाजार में ग्राहकों को भी मेक इन इंडिया के लिए जागरूक किया जाएगा।