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पिता ने 3 एकड़ जमीन बेचकर जसविंदर को भेजा था जर्मनी, जानें लुधियाना ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की कहानी

Ludhiana Blast Caseः लुधियाना बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड जसविंदर सिंह मुल्तानी 15 साल पहले पैसा कमाने के लिए जर्मनी गया था लेकिन वहां जाकर वह आतंकी बन गया। सात साल पहले मुल्तानी अपने मुकेरियां के गांव मंसूरपुर लौटा था।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 09:16 PM (IST)
पिता ने 3 एकड़ जमीन बेचकर जसविंदर को भेजा था जर्मनी, जानें लुधियाना ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की कहानी
लुधियाना बम ब्लास्ट: होशियारपुर के गांव मंसूरपुर में आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी का घर। जागरण

जागरण संवाददाता, होशियारपुर। Ludhiana Blast Caseः लुधियाना बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड जसविंदर सिंह मुल्तानी 15 साल पहले पैसा कमाने के लिए जर्मनी गया था, लेकिन वहां जाकर वह आतंकी बन गया। सात साल पहले मुल्तानी अपने गांव मंसूरपुर लौटा था। एक सप्ताह तक रुकने के बाद वह फिर जर्मनी लौट गया था। उसके बाद वापस नहीं आया। उसके आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की खबर सुनकर गांव मंसूरपुर के लोग दहशत में हैं। हालांकि, यहां पर मुल्तानी पर कोई आपराधिक केस नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जसविंदर की मां कमलजीत कौर का निधन हो चुका है। उसके पिता अजीत सिंह ही अकेले रहते हैं।

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मुल्तानी के पिता की देखरेख करने वाले कुलविंदर सिंह ने बताया कि वह जसविंदर सिंह को नहीं जानता है। वह सिर्फ उसके छोटे भाई साहिब सिंह को ही जानता है। वह ही उनको पैसे भेजता है, जिससे वह उनके पिता की देखभाल और घर की बिजली का बिल देता है। गांव की सरपंच रिंपी देवी ने बताया कि जसविंदर सिंह मिलनसार स्वभाव का था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि ऐसा हो सकता है। पता चला है कि जसविंदर ने विदेश में ही बेगोवाल के गांव नंगल लुबाना की एक लड़की से शादी की है। गांव के कश्मीर सिंह पहलवान ने बताया कि मुल्तानी का जन्म 5 अगस्त 1976 को गांव मंसूरपुर में ही हुआ था। उसकी एक बहन बिंदर और एक भाई साहिब सिंह है। वे भी 15 साल पहले जर्मनी में ही उसके पास ही चले गए थे।

उधर, सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने गांव में सर्तकता बढ़ा दी है। यह भी खंगाला जा रहा है कि मुल्तानी गांव के अलावा पंजाब के किन-किन लोगों से संपर्क में था। एसएसपी कुलवंत सिंह हीर ने कहा कि अभी तक जांच में यही सामने आया है कि जसविंदर सिंह के खिलाफ यहां पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। फिर, भी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। जसविंदर के पिता अजीत सिंह के पास जमीन थोड़ी थी। वह डिपो भी चलाते थे। घर की आर्थिक सुधारने के लिए उन्होंने अपनी तीन एकड़ जमीन बेचकर जसविंदर सिंह को जर्मनी भेजा था।


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