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आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की मदद करेंगे बुद्धिजीवी

कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की मदद के लिए बुद्धिजीवी आगे आएं हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 06:20 AM (IST)
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की मदद करेंगे बुद्धिजीवी
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की मदद करेंगे बुद्धिजीवी

जागरण संवाददाता, लुधियाना : कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की मदद के लिए बुद्धिजीवी आगे आएं हैं। इसी लेकर रविवार को आत्म परगास सोशल वेलफेयर काउंसिल की ओर से पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में विशेष समारोह करवाया गया। इस समारोह में वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वीसी डा. इंद्रजीत सिंह, पीएयू के पूर्व वीसी डा. किरपाल सिंह औलख, पूर्व वीसी डा. मनजीत सिंह कंग, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डा. एसपी सिंह, व गुरु काशी यूनिवर्सिटी, तलवंडी साबो के पूर्व वीसी डा. गुरशरण सिह ने किसानों के परिवारों की देखभाल के लिए विशेष पोर्टल का औपचारिक उद्घाटन किया।

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काउंसिल के चेयरमैन व पीएयू के भूमि विज्ञानी डा. वरिदरपाल सिंह ने बताया कि आंदोलन में जान गंवाने वाले सभी किसानों के परिवारों को इस वेबसाइट पर रजिस्टर किया जाएगा। परिवार के साथ विशेष मुलाकात करके उनकी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने के पश्चात हर संभव मदद करने के प्रयास किए जाएंगे। इन किसानों के परिवारों की देखभाल के लिए अपना योगदान डालने के आकांक्षी अध्यापक, प्राध्यापक, कृषि विशेषज्ञ, कारोबारी, अन्य व्यक्ति तथा दानी पुरुष आत्म परगास वेबसाइट पर रजिस्टर होकर इस सेवा में अपना योगदान डाल पाएंगे।

वहीं आत्म परगास के डायरेक्टर डा. नछतर सिंह ने कहा कि इस कार्य को निपुणता के साथ निभाने के लिए योजना बना ली गई है। देश के 300 से अधिक विद्यालयों में स्थापित आत्म परगास यूनिटों के सहयोग के साथ किसानों के परिवारों की देखभाल के लिए तुरंत यत्न प्रारम्भ कर दिए जाएंगे।

इस आयोजन का प्रतिनिधित्व करते हुए पीएयू के पूर्व वीसी डा. किरपाल सिंह औलख ने कहा कि इस नेक व सराहनीय कार्य में हम सभी नागरिकों को कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को विवादित कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए बिना किसी बिलंब किए ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आना चाहिए। इस दौरान डा. औलख ने कृषि विश्वविद्यालयों के अधिकारियों से कहा कि कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए बिना विलंब किए ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आना चाहिए।


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