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लुधियाना के AAP नेता गुरप्रीत भट्टी हुए भाजपाई, खन्ना और अमलोह विधानसभा क्षेत्र से लड़ चुके हैं चुनाव

गुरप्रीत सिंह भट्टी ने वर्ष 2011 में मनप्रीत सिंह बादल के साथ जाने का फैसला किया और पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से 2012 का चुनाव खन्ना से लड़ा। इसके बाद वे 2016 में आप में गए। आप ने उन्हें अमलोह से पार्टी की प्रत्याशी बनाया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 05:11 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 05:11 PM (IST)
लुधियाना के AAP नेता गुरप्रीत भट्टी हुए भाजपाई, खन्ना और अमलोह विधानसभा क्षेत्र से लड़ चुके हैं चुनाव
खन्ना के आम आदमी पार्टी के नेता गुरप्रीत सिंह भट्टी शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए।

जागरण संवाददाता, खन्ना। पंजाब में अकाली दल के नेताओं के बाद अब आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी भाजपा का रुख किया है। खन्ना के आम आदमी पार्टी के नेता गुरप्रीत सिंह भट्टी शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भट्टी ने दिल्ली स्थित भाजपा हेडक्वार्टर में पार्टी की सदस्यता ली। भाजपा के पंजाब चुनाव इंचार्ज और कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री सोमप्रकाश, भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी और भाजपा प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता ने उनका स्वागत किया। बता दें कि शुक्रवार को ही जालंधर कैंट से नाराज अकाली दल नेता सरबजीत सिंह मक्कड़ दिल्ली में ही भाजपा का दामन थामा है।

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किसी वक्त बादल परिवार के नजदीकियों में गिने जाने वाले भट्टी ने वर्ष 2011 में मनप्रीत सिंह बादल के साथ जाने का फैसला किया और पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से 2012 का चुनाव खन्ना से लड़ा। इसके बाद वे 2016 में आप में गए। आप ने उन्हें अमलोह से पार्टी की प्रत्याशी बनाया। हालांकि, दोनों चुनाव वे हर गए। अब भट्टी के भाजपा के टिकट पर खन्ना से विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी शुरू हो गई है।

भट्टी का खन्ना और फतेहगढ़ साहिब में प्रभाव

गुरप्रीत भट्टी किसी वक्त फतेहगढ़ साहिब जिला में भी सियासी तौर पर काफी सरगर्म रहे हैं। भट्टी का खन्ना के साथ फतेहगढ़ साहिब जिले में भी अच्छा प्रभाव माना जाता है। इसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिल सकता है।

पंजाब को भाजपा सरकार की जरूरत : भट्टी

गुरप्रीत भट्टी ने कहा कि भाजपा एक मात्र राष्ट्र हितैषी पार्टी है। मौजूदा हालात में पंजाब को भाजपा सरकार की जरूरत है। पीएम मोदी ने किसानों के हित के लिए खेती कानून बनाए थे लेकिन उनकी भावनाओं की कद्र करते हुए राष्ट्रहित में कानून वापस ले लिए। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। भाजपा किसान हितैषी पार्टी है। पंजाब में निःसंदेह भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

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