आंगनबाड़ी कर्मियों को नहीं दिया बीमा कवर, लुधियाना में घर-घर कोविड सर्वे का बहिष्कार
आंगनबाड़ी कर्मियों के मुताबिक मुताबिक सरकार ने अध्यापकों आशा वर्कर्स पंचायत सेक्रेटरी के सदस्यों को भी इस काम में लगाया हुआ है। सर्वे के लिए उन्हें 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। साथ में 10-50 लाख रुपये का बीमा कवर किया जा रहा है। उन्हें कुछ नहीं दिया जा रहा।
लुधियाना, जेएनएन। महानगर में घर-घर जाकर कोविड सर्वे करने का विरोध शुरू हो गया है। आंगनबाड़ी मुलाजिम इसके विरोध में उतर आई हैं। इसे लेकर आंगनबाड़ी कर्मी यूनियन ने शुक्रवार को देहात ब्लाक प्रधान जसवीर कौर की अध्यक्षता में मिनी सचिवालय में एसडीएम को मांगपत्र सौंपा। उन्होंने उन्हें बीमा कवर देने की मांग की है।
जसवीर कौर ने कहा कि आंगनबाड़ी मुलाजिमों को घर-घर जाकर कोविड सर्वे में लगाया गया है। इसमें उन्हें पूछना है कि हर घर में 18 या 45 साल से अधिक आयु के कितने लोग हैं। कोई बीमार तो नहीं है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कोविड में दिए जा रहे कार्यों का बायकाट करने की बात कही है। उनके मुताबिक सरकार ने अध्यापकों, आशा वर्कर्स, पंचायत सेक्रेटरी के सदस्यों को भी इस काम में लगाया हुआ है। सर्वे के लिए उन्हें 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। साथ में 10-50 लाख रुपये का बीमा कवर किया जा रहा है। उसी काम के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्स को कुछ भी नहीं दिया जा रहा। इसके चलते उन्होंने सर्वे का बायकाट करने की बात कही है।
इससे पहले वीरवार भी कुछ ब्लाक के सदस्यों ने इन्हीं मांगों के चलते एसडीएम को मांगपत्र सौंपा था। मुलाजिमों ने कहा कि उनकी केवल एक शर्त है कि उन्हें भी बीमा में कवर दिया जाए। इस दौरान जसविंदर कौर, मंजीत कौर, इंद्रजीत कौर, मनप्रीत कौर, हरजिंदर कौर आदि शामिल हुईं।
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