जीएसटी गोलमाल करने वाली 100 कंपनियां राडार पर
घोटालों पर लगाम कसने और गु़ड्स एंड सर्विस टैक्स के नियमों का पालन न करने वाली शहर की 100 नामी कंपनियों के लेनदेन और व्यापार की जांच सेंट्रल जीएसटी विभाग ने शुरू कर दी है।
मुनीश शर्मा, लुधियाना
घोटालों पर लगाम कसने और गु़ड्स एंड सर्विस टैक्स के नियमों का पालन न करने वाली शहर की 100 नामी कंपनियों के लेनदेन और व्यापार की जांच सेंट्रल जीएसटी विभाग ने शुरू कर दी है। सूचनाओं और ऑडिट को आधार बनाकर कई नामी कंपनियों के चिट्ठे खोलने की तैयारी की जा रही है। सीजीएसटी विभाग ने पहले फेज में शहर की 100 नामी कंपनियों की जांच आरंभ की है। इसमें कई कंपनियों के व्यापार के मुताबिक जीएसटी जमा न होने से करोड़ों रुपये के गोलमाल का अंदाजा लगाया जा रहा है। ऐसे में सेंट्रल जीएसटी विभाग अब सर्विस टैक्स के मामले में भी सख्ती से काम कर रहा है। विभाग ने अस्पतालों और अन्य सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रति कड़ा रुख अपना लिया है, जो सर्विस टैक्स गोलमोल कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार उनके पास लंबी सूची तैयार है और उसका गहन अध्ययन किया जा रहा है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी। जीएसटी न भरने पर हो सकती है जेल
जीएसटी जमा न करवाने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें 100 प्रतिशत पेनाल्टी, शोकॉज नोटिस देने के बाद अगर किसी का बकाया निकलता है तो विभाग टैक्स जमा करवाने वाले के परिसर में पड़ा स्टाक सीज कर बिक्री पर रोक लगा सकता है। साथ ही अगर ज्यादा जीएसटी का अंतर निकलता है तो इसमें अरेस्ट किए जाने का भी प्रावधान है। चेकिंग के दौरान कोई जानकारियों को छुपाता है तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही इस प्रक्रिया में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है। विभाग गलत काम करने वालों पर करेगी सख्ती
सेंट्रल जीएसटी विभाग की डिप्टी कमिश्नर दलजीत कौर ने कहा कि विभाग की ओर से जीएसटी की चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग अच्छे टैक्स पेयर को सराहना देने के साथ साथ जो लोग बनता जीएसटी जमा नहीं करवा रहे उन पर सख्ती से कार्रवाई करेगा। लुधियाना की कई बड़ी कंपनिया राडार पर हैं। ऐसे में कई कंपनियों से बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ विभाग सख्ती से निपटेगा। फोपसिया विभाग को देगा करप्ट कंपनियों की सूची
फेडरेशन ऑफ पंजाब स्माल इंडस्ट्री एसोसिएशन (फोपसिया) के प्रधान बदीश जिंदल के मुताबिक लुधियाना की 650 कंपनियों की वैट घोटाले की सूची विभाग को सौंपी गई थी। अब एसोसिएशन की ओर से सेंट्रल जीएसटी को ऐसी करप्ट कंपनियों की सूची सौंपी जाएगी, जो जीएसटी का बड़ा गोलमाल कर विभाग को करोड़ों का चूना लगा रही हैं।