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बैग में कम किताबें डालने से पढ़ाई को बोझ नहीं होगा कम

नेशनल कौंसिल आफ एजूकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग(एनसीआरटी)ने लोगों से बच्चों पर पढ़ाई सुझाव मांगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 12:54 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 12:54 PM (IST)
बैग में कम किताबें डालने से पढ़ाई को बोझ नहीं होगा कम
बैग में कम किताबें डालने से पढ़ाई को बोझ नहीं होगा कम

लुधियाना : नेशनल कौंसिल आफ एजूकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग(एनसीआरटी)ने लोगों से बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के जो सुझाव मागे है, इसी के तहत अभिभावक अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। अभिभावकों ने कहा कि पढ़ाई के बोझ को कम करने के लिए शिक्षा में भी सुधार लाने की जरूरत है। सतगुरु प्रताप सिंह एकेडमी श्री भैणी साहिब के प्रिंसिपल अनिल तनेजा ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास बहुत सी सुविधाएं है जिसके जरिए हम शिक्षा में सुधार कर सकते हैं। मेरा मानना है कि बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कभी कम नहीं किया जा सकता। इससे हमारी डिवलपमेंट रूक जाएगी। बैग में किताबें कम डालने से पढ़ाई का बोझ कम नहीं किया जा सकता। प्रेक्टिकल नॉलेज दें ज्यादा

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अभिभावक पवन कुमार का कहना है कि स्कूलों में बच्चों को किताबी ज्ञान से ज्यादा प्रेक्टिकल नालेज देनी चाहिए। ज्यादातर बच्चे लिखित कामों में ही उलझ कर रह जाते हैं। जब उनसे डिटेल में उस प्रश्न संबंधी पूछा जाता है तो वह उसका जवाब देने में असमर्थ होते हैं। इसलिए बच्चों को जितनी अधिक प्रेक्टिकल नालेज दी जाएगी, उतना ही विद्यार्थी सीख सकेंगे। बच्चों की पढ़ाई के प्रति पैदा करनी चाहिए रूचि

जतिन आनंद ने कहा कि मेरे मुताबिक बच्चों की पढ़ाई में रूचि पैदा करनी चाहिए। बच्चे पढ़ाई में रूचि नहीं लेते और न ही किसी प्रश्न की डिटेल जानने की कोशिश करते हैं। स्कूल के अध्यापकों को भी बच्चों को इस तरह पढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उनकी रूचि पढ़ाई में बाधा न बन सके।

रिपोर्ट : राधिका कपूर


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