लोक अदालत में 3576 मामलों का निपटारा
कम उम्र के किशोरों द्वारा बिना लाइसेंस के वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति चिता का विषय है। माता-पिता को बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिये।
संस, लुधियाना : कम उम्र के किशोरों द्वारा बिना लाइसेंस के वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति चिता का विषय है। माता-पिता को बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिये। सेशन जज-व-चेयरमैन डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी मुनीष सिघल ने लोक अदालत के दौरान कम उम्र के बच्चों को माता पिता के साथ ट्रैफिक चालान भुगतते देख ये बातें कही । उन्होंने बच्चों व उनके अभिभावकों से काफ़ी लंबी बातचीत की। चिता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल के अधिकारियों को भी चाहिए कि वे बच्चों के अभिभावकों को इस सम्बंध में जागरूक करें । माता-पिता को वाहनों को किशोरों को नहीं सौंपने चाहिए। अगर बच्चों से कोई दुर्घटना हो जायें तो यह माता-पिता को भी परेशानी में डाल सकता है।
इस बीच लोक अदालत में 3576 केस का लोक अदालत में निपटारा करवाया गया, जिसमें 35 करोड़ 62 लाख 70 ह•ार 987 रुपये के अवार्ड पास किये गये। जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के सचिव-सीजेएम पीएस कालेका ने लोगों को लोक-अदालत के माध्यम से अपने विवादों को हल करने का आह्वान किया, क्योंकि इससे उनके बहुमूल्य समय और धन की बचत होगी।
लोक अदालत बेंचों का नेतृत्व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवदीप हुंदल, एडीजे शतिन गोयल, एडीजे राज कुमार गर्ग, प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट अजैब सिंह, एडिशनल प्रिसिपल जज फैमिली कोर्ट आरके शर्मा और सीजेएम सुमित मक्कड़ सहित विभिन्न न्यायाधीश ने किया।