Move to Jagran APP

सपनों के पंजाब में हर चेहरे पर खुशी जरूरी: सुरेश कुमार

मुख्यमंत्री पंजाब के पूर्व मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार का मानना है कि जब हर पंजाबी के चेहरे पर खुशी होगी तब स्मृद्ध एवं सशक्त पंजाब का सपना पूरा होगा। पंजाब की शान को बहाल करके ही सपनों का पंजाब बनाया जा सकता है। सूबे में सिस्टम नीतियां और प्रोग्राम सभी के लिए एक बराबर हों पारदर्शी हों सरल हों और कानूनों में पेचीदगियां न हों।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 02:35 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 02:35 AM (IST)
सपनों के पंजाब में हर चेहरे पर खुशी जरूरी: सुरेश कुमार
सपनों के पंजाब में हर चेहरे पर खुशी जरूरी: सुरेश कुमार

जागरण संवाददाता, लुधियाना : मुख्यमंत्री पंजाब के पूर्व मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार का मानना है कि जब हर पंजाबी के चेहरे पर खुशी होगी, तब स्मृद्ध एवं सशक्त पंजाब का सपना पूरा होगा। पंजाब की शान को बहाल करके ही सपनों का पंजाब बनाया जा सकता है। सूबे में सिस्टम, नीतियां और प्रोग्राम सभी के लिए एक बराबर हों, पारदर्शी हों, सरल हों और कानूनों में पेचीदगियां न हों। हर वीआइपी और आम आदमी का भी हर काम एक ही सिस्टम में आसानी से हो। सुरेश कुमार मंगलवार की देर शाम होटल पार्क प्लाजा में लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन (एलएमए) की ओर से आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। मेरे सपनों का पंजाब विषय पर हुए इस सेमिनार में मुख्य वक्ता सुरेश कुमार ने अपने संबोधन में पंजाब, पंजाबी एवं पंजाबियत के हुए बंटवारों से लेकर आज के पंजाब को एक सूत्र में पिरो कर आसान भाषा में लोगों को समझाने का सार्थक प्रयास किया।

loksabha election banner

सुरेश कुमार ने कहा कि पांच दरियाओं की धरती की सरजमीं पंजाब में अब तीन दरिया भी पूरे नहीं हैं। बंटवारों का दर्द आज भी पंजाबियों में देखा जा सकता है। बंटवारों में पंजाबियत का भी नुकसान हुआ है और अब ग्रोथ की रफ्तार में पंजाबियत पीछे छूट रही है। आज भी पंजाब अपनी राजधानी के लिए, पानी के लिए संघर्ष कर रहा है। हालत यह है कि गुरमुखी पढ़ाने के लिए भी कानून थोपने पड़ रहे हैं।

सरकारों को भी अपने कल्चर एवं संस्कारों को आगे बढ़ाना होगा, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि निसंदेह पंजाब आगे बढ़ रहा है, खुशहाली आ रही है, लेकिन समाज खुश नहीं है, यह बड़ा सवाल है। मौजूदा सिस्टम युवाओं को पसंद नहीं हैं, वे खुश नहीं हैं, तभी विदेशों का रूख कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए, न किसी ने इसके बारे में संबंधित वर्ग को समझाया और न ही कोई समझ सका। बड़ा आंदोलन चला और कानून रद करने पड़े, क्योंकि इससे एक रीजन के लोग नाराज हो गए। स्पष्ट है कि सिस्टम, कानून और नीतियां ऐसी बनानी होंगी, जिनसे आम लोगों को सीधा फायदा हो। उनकी तकलीफ कम हों, तभी सपनों का पंजाब को हकीकत बनते देखा जा सकता है। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर वरिदर शर्मा के अलावा एलएमए के तमाम सदस्य मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.