Live Ludhiana Coronavirus Update: लुधियाना में हालात बेकाबू, कोरोना से 11 मरीजों की मौत, 226 लोग पॉजिटिव
Live Ludhiana Coronavirus Update शहर में काेराेना का खतरा कम हाेने का नाम नहीं ले रहा है। वीरवार काे 209 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और 11 लोगों की मौत हो गई है।
लुधियाना, जेएनएन। जिले में काेरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अगस्त में रोजाना दो से तीन सौ मामले सामने आ रहे हैं। वीरवार को जिले में 226 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें से 209 जिले से संबंधित थे जबकि 17 दूसरे जिलों के रहने वाले रहे। दूसरी तरफ, शहर के अलग-अलग अस्पतालों में कोराेना संक्रमित 11 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसमें से नौ लुधियाना से संबंधित थे, जबकि दो दूसरे जिलों के रहने वालने थे।
जिले में फील्डगंज निवासी 60 वर्षीय महिला ने सीएमसी अस्पताल में दम तोड़ा। महिला को ब्लड प्रेशर की शिकायत भी थी। बाबा थान सिंह चौक निवासी 72 वर्षीय मरीज की सीएमसी अस्पताल में मौत हुई है। उसे गुर्दे की बीमारी थी। आत्म नगर निवासी 75 वर्षीय व्यक्ति ने एसपीएस अस्पताल में दम तोड़ा है, मरीज को दिल की बीमारी भी थी। बाबू राम दा वेहड़ा निवासी 40 वर्षीय मरीज ने सिविल अस्पताल में दम तोड़ा है। वहीं, न्यू शक्ति नगर निवासी 59 वर्षीय मरीज ने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीआरएस नगर निवासी 69 वर्षीय महिला ने डीएमसी अस्पताल में दम तोड़ा।
इसके अलावा, न्यू सुभाष नगर निवासी 32 वर्षीय व्यक्ति की डीएमसी अस्पताल में मौत हुई है। मरीज को टीबी की भी शिकायत थी। इसके अलावा ढोलेवाल निवासी 72 वर्षीय पुरुष ने एसपीएस अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसे शुगर की भी बीमारी थी। इसी तरह, शहर के एक और क्षेत्र की रहने वाली 66 वर्षीय महिला ने हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टीटयूट में दम तोड़ा। महिला को शुगर व छाती में दर्द की शिकायत भी थी। दूसरी तरफ, गांव लदपुर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति की सिविल अस्पताल में मौत हुई है। उसे दिल की बीमारी भी थी। वहीं, धूरी की रहने वाली 44 वर्षीय महिला ने सीएमसी अस्पताल में दम ताेड़ा है।
बता दें कि जिले में अब तक कोरोना संक्रमित 138 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरे जिलों के 43 लोग दम तोड़ चुके हैं। वही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का कुल आंकड़ा अब 4385 तक पहुंच गया है।
इससे पहले, बुधवार को सिविल अस्पताल सहित डीएमसी, फोर्टिस, एसपीएस, सीएमसी, मोहनदेई सहित दो अन्य अस्पताल कोरोना मरीजों से भरे पड़े थे। आलम यह था कि अस्पतालों में आइसीयू और कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए वार्ड फुल होने से कई मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ा।