Move to Jagran APP

शिक्षा की लौ से दूर किया जीवन का अंधेरा, अब दूसरों की जिंदगी संवार रहीं 'ज्योति' Ludhiana News

27 वर्षीय ब्लाइंड ज्योति मलिक ने बताया कि वो अपने रेडियो उड़ान प्रोजेक्ट के तहत महीने में 25 से 30 हजार दिव्यांग लोगों को आनलाइन रेडियो प्रोग्राम के माध्यम से निशुल्क शिक्षा देती

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 09:14 AM (IST)
शिक्षा की लौ से दूर किया जीवन का अंधेरा, अब दूसरों की जिंदगी संवार रहीं 'ज्योति' Ludhiana News
शिक्षा की लौ से दूर किया जीवन का अंधेरा, अब दूसरों की जिंदगी संवार रहीं 'ज्योति' Ludhiana News

जगराओं, [बिंदू उप्पल]। मैं दृष्टिहीन जरूर हूं पर लाचार नहीं। क्योंकि हमारे अंधेरे जीवन को शिक्षा की ज्योति रौशन कर दिया है। मैं इस ज्योति को अपने जैसे अन्य ब्लाइंड बच्चों के मन में भी जलाए रखना चाहती हूं ताकि वो भी आत्मनिर्भर हो आजीविका चला सकें। यह कहना है लुधियाना की दृष्टिहीन ज्योति मलिक का। 

loksabha election banner

दैनिक जागरण से बातचीत में 27 वर्षीय ब्लाइंड ज्योति मलिक ने बताया कि वो अपने रेडियो उड़ान प्रोजेक्ट के तहत महीने में 25 से 30 हजार दिव्यांग लोगों को आनलाइन रेडियो प्रोग्राम के माध्यम से नि:शुल्क शिक्षा देती हैं। वो भी घर बैठ कर अन्य दिव्यांगों के व्यक्तित्व विकास, कंप्यूटर एजुकेशन, डिबेट, डिस्कशन, इंग्लिश स्पोकिंग करवाती है ताकि वो लोग ज्योति मलिक व उसके साथियों की आवाज सुनकर शिक्षित हो सकें। समाज सेविका ज्योति मलिक ने बताया कि वह अन्य ब्लाइंड विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए स्कूलों व कॉलेजों में सेमिनार भी करती हैं।

तीन माह की थी तभी चली गई थी आंखों की रोशनी

लुधियाना में जन्मी आॅनलाइन शॉपिंग की शौकिन ज्योति ने बताया कि जब वह तीन महीने की थीं, तब उसके माता-पिता को पता चला कि वह उनके इशारों को देख कर कोई रिस्पांस नहीं करती है। तब उनके माता-पिता ने उन्हें डाक्टरों को दिखाया तो पता चला कि जिस बेटी का नाम उन्होंने ज्योति रखा था उसकी आंखों में रोशनी नहीं है।

री-हैबिलीटेशन से 12वीं व महिला सरकारी कॉलेज से की बीए

अपनी जिंदगी के पन्नों को खोलते हुए ज्योति ने बताया कि कुछ बड़ी हुई तो माता-पिता ने जमालपुर स्थित वोकेशनल री-हैबिलीटेशन ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला दिलाया। जहां उन्होंने ब्रेल लिपि के माध्यम से बारहवीं तक की पढ़ाई की। फिर सरकारी महिला कॉलेज से बीए और गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज से राजनीतिक शास्त्र में एमए की।

कभी स्कूलों दाखिला देने से कर दिया था मना, अब कर रही हैं पीएचडी

उन्होंने इस बात पर दुख भी जताया कि आम स्कूल व कॉलेज ब्लाइंड विद्यार्थियों की देखभाल नहीं करते हैं। ज्योति ने बताया कि जब वो सीबीएसई स्कूल में दाखिला लेना चाहती थी तब सभी स्कूलों ने यह कह कर मना कर दिया था कि वह ब्लाइंड बच्ची को अपने यहां दाखिला नहीं दे सकते। फिर सरकारी महिला कॉलेज की प्रोफेसर ने मुझे मनोविज्ञान विषय रखने से मना कर दिया। तब उसने अपने कंप्यूटर, मोबाइल पर जॉल टाकिंग साफ्टवेयर डाउनलोड करवाया और आज उसकी मदद से पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस कर रही हूं।

इंटरनेट पर करती हूं रिसर्च

ब्लांइड ज्योति मलिक ने बताया कि वह अकसर इंटरनेट पर विभिन्न विषयों पर रिसर्चं करती है अपने ज्ञान मे बढ़ोतरी करती हूं। ज्योति मलिक ने आईटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से वेबसाइट डेवलेपमेंट कोर्स भी किया था। इसके बाद अपनी रेडियो की वेबसाइट रेडियो उड़ान डॉट कॉम लांच की है।

रेडियो उड़ान में है पांच सदस्यों का ग्रुप, सभी ब्लाइंड

मौजूदा समय में सरकारी प्राइमरी स्कूल भामियां कलां में म्यूजिक टीचर ज्योति मलिक ने बताया कि कंप्यूटर पर टॉकिंग साफ्टवेयर के माध्यम से उन्होंने पांच सदस्यों का ग्रुप बनाया है और हम पांचों ब्लाइंड है। इस ग्रुप की उड़ान वेलफेयर सोसायटी बनाई है जिसमें वो खुद कोषाध्यक्ष हैं, हैदराबाद से डायरेक्टर मिलन सिंघवी, पठानकोट से दानिश महाजन, दिल्ली से सैफ रहमत और राजीव भांवरी है।

पांच सालों से कर रहे हैं काम

ज्योति मलिक ने बताया कि हम पिछले पांच वर्षो से ब्लाइंड लोगों की मदद के लिए काम कर रहे हैं, ताकि ऐसे बच्चों को नई तकनीक से अवगत करवाया जाए। उनका कहना है कि सरकार को भी ब्लांइड बच्चों को जागरूक करने के लिए ऐसे प्रोजेक्ट बनाने चाहिए। ताकि वे भी मॉडर्न तकनीक के माध्यम से शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन सकें।

खाना बनाने की हैं शौकीन 

उन्होंने बताया कि एक बार जो बता दिया या समझा दिया उसके बाद हर कार्य को खुद कर लेती हूं। ज्योति ने बताया कि उन्हें खाना बनाने का बेहद शौक है। कंप्यूटर एक्सपर्ट ब्लाइंड ज्योति मलिक अब तक विभिन्न संस्थाओं से सम्मानित भी हो चुकी है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.