City Junction : करवा चौथ के त्याेहार की अनाेखी कहानी, पत्नी का विश्वास और पति के साथ से बदलेगी जिंदगी
सुहागिनाें का यह विशेष त्योहार हिंदू महिलाएं पति की लंबी आयु और कुशलता के लिए दिनभर बिना कुछ खाए पीए बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखती हैं। आजकल कुंवारी लड़कियों में यह त्योहार मनाने का चलन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है।
लुधियाना, जेएनएन। हाथ में मेहंदी लगाई, नई रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनकर, माथे पर बिंदिया और मांग में सिंदूर लगाकर, नए वस्त्र पहनकर, देश की लाखों सुहागिनाें की तरह मेरी पत्नी ने सुबह से सरगी खाने के साथ ही आज करवाचौथ का व्रत रखा है। यह रात को चांद दिखने और उसे जल अर्घ्य करने के बाद खुलता है।
सुहागिनाें का यह विशेष त्योहार हिंदू महिलाएं पति की लंबी आयु और कुशलता के लिए दिनभर बिना कुछ खाए पीए बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखती हैं। आजकल कई कुंवारी लड़कियों में यह त्योहार मनाने का और एक सुंदर व प्यार करने वाले पति का पाने की इच्छा के लिए व्रत रखने का चलन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है।
भारतीय परिवाराें में विवाहित स्त्री अपने पति के लिए विश्वास, श्रद्धा और प्यार की निस्वार्थ भावनाओं से अपनी अंतिम सांस तक सेवा करती हैं। हमारे पुराणिक कथाओं में भी एक पत्नी का अपने पति और उसके परिवार के लिए फर्ज पर अनेक कथाओं का प्रचलन हैं जिसे सास अपनी बहू और बेटी को सुनाती रही हैं और यही प्रथा आज तक चल रही है।
जहां एक तरफ भारतीय नारी शादी के वक्त लिए गए वचन और अपने फर्ज को बखूबी निभाती है, वहीं पुरुष प्रधान समाज में कुछ पुरुष शादी के वक्त पत्नी को दिए गए वचन और प्यार की कसम को भूल जाते हैं और अपनी पत्नी को कई तरह से प्रताड़ित करते हैं। पति का ये दुर्व्यवहार अनुचित तो है ही और अकसर शादी व परिवार के टूटने का कारण बन जाती है। इसलिए ऐसा व्यवहार करने वाले पतियों को पत्नी के साथ अनुचित व्यवहार न करते हुए इस प्यार की डोर को मजबूत बनाए रखना चाहिए। -डाक्टर अश्वनी मल्होत्रा
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