लुधियाना की बेटी ने मुंबई में कमाया नाम, जीता मोस्ट यंगेस्ट टैलेंटेड राइटर का अवार्ड Ludhiana News
जसिका का मानना है कि लिखने के लिए विजन एवं सेंस का होना जरूरी है। इसके अलावा मन को साधना पड़ता है। कहानियां आपके आसपास ही होती हैं।
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। 26 वर्षीय जसिका खुराना को बचपन से ही लिखने का शौक था, यही शौक आज उनकी पहचान बन गया है। पिछले दो साल में उन्होंने विभिन्न चैनलों में प्रसारित हुए 12 शो लिखे और अब बॉलीवुड फिल्म के लिए कहानी एवं डायलॉग लिख रही हैं। उनकी इस काबलियत को पहचानते हुए मुंबई के लीला होटल में आयोजित कार्यक्रम में गोल्डन ग्लोरी अवार्ड के तहत उनको यंगेस्ट मोस्ट टैलेंटेड राइटर के खिताब से नवाजा गया।
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा से अवार्ड पाने के बाद जसिका काफी खुश हैं। मुंबई से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अब उनकी जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है और लोगों की उनसे उम्मीदें भी हैं। ऐसे में वे पूरी शिद्दत के साथ अपने काम में जुट गई हैं।
सेक्रेड हार्ट से 12वीं कर मुंबई में की ग्रेजुएशन
जसिका का परिवार लुधियाना के मॉडल टाउन में रहता है। उनकी मां डिंपल मॉडल टाउन में ही बुटीक चलाती हैं। सराभा नगर स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल से 12वीं करने के बाद जसिका फैशन स्टाइलिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए मुंबई चली गईं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने लेखन का कार्य भी जारी रखा और दो साल पहले उन्होंने हद शो लिखा। इसके दस एपिसोड सोनी लिव पर प्रसारित किए गए। इसके बाद जसिका का हौसला बढ़ा और फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। दो साल में उनके लिखे बारह शो प्रसारित हो चुके हैं। इसके बाद उन्होंने विक्रम भट्ट एवं अल्ट बालाजी के लिए शोज लिखे।
अंग्रेजी के अलावा हिंदी व पंजाबी में भी लिखती हैं अच्छा
जसिका का मानना है कि दसवीं कक्षा से ही वह इंग्लिश में लिखना पसंद करती थी, अब वह इंग्लिश के अलावा हिंदी और पंजाबी में भी अच्छा लिख लेती हैं। वह रोजाना 16 से 18 घंटे तक लगातार काम करती हैं। कभी कभार काम में वक्त का पता ही नहीं चलता। अल्ट बालाजी के लिए वह अपना 13वां शो लिख रही हैं।
लिखने के लिए विजन और सेंस जरूरी
जसिका का मानना है कि लिखने के लिए विजन एवं सेंस का होना जरूरी है। इसके अलावा मन को साधना पड़ता है। कहानियां आपके आसपास ही होती हैं। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में आपके आसपास के लोग, दोस्त, मित्र, रिश्तेदार अलग-अलग कैरेक्टर हैं। सिर्फ उनको पहचान कर शब्दों में पिरोना ही एक लेखक की खूबियां है। उनका कहना है कि लेखक को कई बार थीम के अनुसार लिखना पड़ता है, मसलन लेखक का मन दुखी है, लेकिन उसे खुशी पर लिखना है तो वह अपने दुख को दबा कर हैपी सीन क्रिएट करता है, यही उसकी खूबी भी है।
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