कोरोना के कारण सादे तरीके से मनाएंगे जन्माष्टमी
जन्माष्टमी मनाने को लेकर शहर के सभी धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक श्री दुर्गा शक्ति मंदिर में हुई।
जेएनएन, रायकोट: जन्माष्टमी मनाने को लेकर शहर के सभी धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक श्री दुर्गा शक्ति मंदिर में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से 12 अगस्त को सभी मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाने का निर्णय लिया गया। इस बार कोरोना महामारी के चलते धार्मिक संगठनों ने त्योहार सादे ढंग और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मनाने का निर्णय किया है। कोई भी धार्मिक संगठन झांकी नहीं निकालेगा, लंगर भी नहीं लगाए जाएंगे, मंदिरों में ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण जी के बालस्वरूप के झूले ही मंदिरों में सजाए जाएंगे। श्रद्धालुओं को सिर्फ एक दो मिनट के लिए ही झूला झुलाने की इजाजत दी जाएगी। इस अवसर पर इंद्रपाल गोल्डी, मनोहर लाल लाडी, त्रिलोक जुनेजा, दविदर गिल बॉर्बी, मंगत राय बर्मा, राजन परुथी, डॉ. सुंदरलाल, डॉ. अशोक शर्मा, राजकुमार राजू, केबल नारंग, मंगत राय, बीरबल वर्मा, बिल्लू बाबा, नरेंद्र डाबर, केवल कृष्ण पारुथी, पंडित राम कृष्ण, पंडित भास्कर शर्मा, महंत राजपाल आदि धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
जन्माष्टमी मनाने को समय बढ़ाने की मांग
श्री महावीर मंदिर सभा अमरपुरा, श्री शिव शक्ति मंदिर धर्मार्थ ट्रस्ट, सनातन धर्म महोत्सव कमेटी, कृष्णा मंदिर ने रात एक बजे तक कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की मांग की। ह्यूंमन वेलफेयर सोसायटी के प्रधान एडवोकेट जतिदर खुराना ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव भारत सहित पूरे विश्व में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है, इसलिए मंदिरों में देर रात तक श्रद्धालुओं को प्रभु के दर्शन के लिए इजाजत दी जाए। इस संबंध में मंदिर कमेटी के सदस्यों ने पुलिस कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन दिया है। श्री महावीर मंदिर अमरपुरा के प्रधान भारत भूषण जौहर और श्री शिव शक्ति मंदिर किदवई नगर के प्रधान सुदर्शन गोसाईं ने कहा कि सरकार द्वारा जारी सभी गाइडलाइन का पालन करेंगे।