जगह बदलने से कुछ नहीं होता, अपना स्वभाव बदलो : अरुण मुनि
संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि महाराज अपनी मंडल सहित एस एस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए हैं।
संस, लुधियाना : संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि महाराज अपनी मंडल सहित एस एस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए हैं। चातुर्मास की प्रथम वेला पर क्रमश: अनुसार श्रावक-श्राविकाएं गुरु दर्शनों का लाभ ले रहे है। इस अवसर पर गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा कि बीमारी तो कई आई और चली गई, लेकिन इस बार जो बीमारी आई है वो ताकतवर है, लेकिन यह भी चली जाएगी। इसके लिए सभी को अपने आप को ताकतवार बनाना होगा, तभी इस महामारी को भगाया जा सके। उन्होंने कहा कि सुंदर स्वभाव की परीक्षा में आपके कितने अंक हैं? याद रखो, कम से कम ऐसा व्यवहार किसी के साथ न करें जैसा आप दूसरे किसी व्यक्ति को पसंद नहीं करते हैं। जगह बदलने से कुछ नहीं होता, अपना स्वभाव बदलो। उन्होंने कहा कि शांत जीवन के चार सूत्र है। पहला वस्तु का आग्रह मत करो, जो मिला है उसे प्रसाद समझ कर स्वीकार कर लो। दूसरा जुबां से विग्रह मत करो। तीसरा संयति के लिए परिग्रह मत करो। चौथा किसी भी व्यक्ति के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर व्यवहार मत करो। ध्यान रहे मन की शांति ही स्वर्ग है, स्वर्ग नरक मरने के बाद ही मिलते हो। ऐसा नहीं है कि जीते जी भी उन्हें भोगा व देखा जा सकता है। तुम्हें कोई गाली भी देता है, तो तुम प्रत्युत्तर क्यों नहीं देते? इसपर मित्र ने पूछा, देने वाले की चीज, मैं लूंगा तभी तो वो चीज मेरी होगी। इस अवसर पर सभाध्यक्ष अरिदमन जैन व महामंत्री प्रमोद जैन ने कहा कि चातुर्मास की शुरुआत हो गई। जैन स्थानक में गुरु दर्शन के लिए सामाजिक दूरी सहित, मास्क और सैनिटाइजर का पुख्ता प्रबंध किया गया है।