ताकि स्वस्थ रहें लोग.. लुधियाना के सिद्धवां सेवा ग्रुप ने पूरे गांव में लगा दिए औषधीय पौधे
पर्यावरण प्रेमी होने कारण उन्होंने सिद्धवां सेवा ग्रुप बनाया जिसमें जिला लुधियाना के पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी जोड़े जो पर्यावरण से प्यार करते है। ग्रुप का सदस्य बनने की कुछ शर्तें थी। हरेक सदस्य अपनी मर्जी से ग्रुप के लिए दसवंध निकालेगा।
जगराओं, (लुधियाना) [बिदु उप्पल]। सिधवां कलां का सिद्धवां सेवा ग्रुप पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद सराहनीय काम कर रहा है। इस ग्रुप को जिले के 25 बुद्धिजीवी चला रहे है और उनकी संस्था से गांव सवदी कलां के 15 एनआरआइ जुड़े हैं, जो विकास कार्याें में भी सहयोग दे रहे हैं। ग्रुप के परमजीत सिंह, जो सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिधवां कलां के साइंस लेक्चरर हैं, ने बताया कि शुरू से ही पेड़-पौधे से प्यार था।
पर्यावरण प्रेमी होने कारण उन्होंने सिद्धवां सेवा ग्रुप बनाया, जिसमें जिला लुधियाना के पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी जोड़े, जो पर्यावरण से प्यार करते है। ग्रुप का सदस्य बनने की कुछ शर्ते थी। इसमें प्रमुख थी कि संस्था को कोई प्रधान या चेयरमैन नहीं बनाया जाएगा। हरेक सदस्य अपनी मर्जी से ग्रुप के लिए दसवंध निकालेगा। राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग संस्था में नहीं शामिल होंगे। हरेक सदस्य को रविवार को दो घंटे सोसायटी के काम करना होगा।
गांव में जगह-जगह लगे फलदार व मेडिसन प्लांट
परमजीत सिंह ने बताया कि पिछले तीन साल से गांव सिद्धवां कलां व सिद्धवां खुर्द में हजारों फलदार व मेडिसन प्लांट लगाए गए हैं। गांव के हर कोने व सड़कों के दोनों किनारों पर आम्रपाली व दशहरी के करीब दो हजार पेड़ लगाए। इसके साथ ही आलु बुखारा, नाशपती, अंजीर, लुगाट, आडू़, किन्नू, अमरूद, बेर के पेड़ लगाए। साथ ही नए पौधे ड्रैगन व ऐवाकाडो अफ्रीकन फलों के भी पौधे लगाए गए। अश्वगंधा, शटावर, लैमनग्रास के पौधे लगाए गए है। एक एनआरआइ के एक एकड़ के प्लांट में मेडिसनल प्लांट, लौंग, इलायची, दालचीनी, हीग व तेजपत्ता के पौधे लगाए गए है। शुगर के मरीजों के लिए इंसुलिन के पौधे भी लगाए हैं।
अन्य सेवाओं में भी करते हैं सहयोग
-केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के विरोध में बैठ किसानों के लिए हर सप्ताह दिल्ली गाड़ी भेजते है।
-संस्था की ओर से गांव के छप्पड़ की सफाई के लिए एक लाख रुपये दिए गए
-छप्पड़ की सफाई के बाद उसके चारों तरफ पेड़-पौधे लगाए गए।
-गांव के लोगों की जागरूक करने के लिए नशा छोड़ो जागरूकता सेमिनार करवाया जाता है।
-साल 2019 में सतलुज में आई बाढ़ के कारण सिधवां बेट के लोगों की मदद के लिए दो लाख रुपये दिए।
ये है संस्था के सदस्य ग्रुप के सदस्य
परमजीत सिंह ने बताया कि संस्था अमरजीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बलविंदर सिंह, जगराज मोहम्मद, जगदीप सिंह, बलविंदर सिंह, बलजीत सिंह, मानहरप्रीत सिंह, सरपंच हरप्रीत सिंह चीमा, सुखवंत सिंह, गुरचेत सिंह शामिल हैं। ये सभी गांव की सड़कों के किनारों पर पेड़-पौधे लगाने, उनको रंग-रोगन करने का काम करते है। अब गांव में जितने भी बिजली के खंभे लगे हुए हैं, उन पर रंग रोगन किया जाएगा।