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अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करना सराहनीय

लुधियाना (जासं) : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा लुधियाना महानगर में अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 04:24 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 04:24 PM (IST)
अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करना सराहनीय
अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करना सराहनीय

लुधियाना (जासं) : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा लुधियाना महानगर में अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए 'मंथन' संपूर्ण विकास केंद्र के नाम से अलग-अलग क्षेत्रों में चार स्कूल चलाए जा रहे हैं, जहा पर बच्चों को समय-समय पर नैतिक मूल्यों का ज्ञान बाटने के लिए उनकी विशेष क्लास रखी जाती है। आज मंथन स्कूल की शाखा किचलु नगर में इन बच्चों को पाठ्य सामग्री बाटने के लिए विशेष रूप से मनिंदर कौर घुम्मन (एमसी) पहुंची। उन्होंने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के मंथन प्रकल्प की सराहना की जो अभावग्रस्त बच्चों को विशेष तौर पर चुन कर के उन्हें शिक्षा दे रहा है। बच्चों को यह भी समझाया की आप सब को खसरे ओर रुबेला के खात्मे के लिए टीकाकरन करवाना चाहिए।

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इस मौके आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रजनीभारती जी ने उपस्थित माता-पिता व आए हुए गणमान्य व्यक्तियों को मंथन प्रकल्प का उद्देश्य बताया और कहा कि यहा बच्चों को केवल बाहरी शिक्षा का ज्ञान नहीं दिया जाता बल्कि इनका संपूर्ण विकास कैसे हो, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।साध्वी ने समझाया कि इन किताबों में लिखे गए ज्ञान को आप सब ने अपने अंदर उतारना है,रट्टू तोते नही बनना।शिक्षा वह है जो आचरण में झलकती है।आप सभी हमारे देश का भविष्य हैं।किन्तु आप अपने समाज व देश के लिए तभी कुछ कर सकते हैं जब आप इन पुस्तकों का लाभ लेंगे। आज शिक्षा के चलते हम पाते हैं कि बच्चों में नैतिक मूल्यों की गिरावट आ रही है जिसके कारण बच्चे हिंसक प्रवृति के हो रहे हैं या यह भी देखा जाता है कि पढ़ाई का ज्यादा तनाव होने के कारण बच्चे अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। हम बच्चों की पढ़ाई के इलावा उन्हें ध्यान की पदती सिखाते है जिससे बच्चे अपने मन के ऊपर नियंत्रण पा सके, ध्यान से बच्चों की स्मरण शक्ति भी बढ़ती है ।साथ बच्चों का अपने माता पिता के प्रति क्या दायित्व है समाज के प्रति क्या ओर अपने अधयापकों के प्रति क्या दायित्व है सब संस्कार भी दिए जाते है। समय-समय पर कॉउंसलिंग करते हैं ता जों उससे बच्चे पढ़ाई की ओर अधिक से अधिक ध्यान देसके। उन्होंने कहा कि यह बच्चे खास हैं क्योंकि जहा पर किसी की नजर नहीं जाती, वहा पर महाराज जी की नजरों नेइन्हें खोजा और अपने स्कूल में बैठाया। यह बच्चे पढ़-लिखकर देश का गौरव बनेंगे। अच्छे इंसान बनेंगे और हमें ऐसे बच्चों की सहायतार्थअवश्य कुछ न कुछ करना चाहिए। शिक्षा ग्रहण करना हम सभी का अधिकार है और इससे वंचित न रहें, यह प्रयास हमेशा करें। इस अवसरपर बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित थे।


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