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इंस्पेक्टर की अग्रिम जमानत याचिका रद

अदालत ने आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर बल¨जदर ¨सह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 05:45 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 05:45 AM (IST)
इंस्पेक्टर की अग्रिम जमानत याचिका रद
इंस्पेक्टर की अग्रिम जमानत याचिका रद

जासं, लुधियाना : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीप ¨सह की अदालत ने कथित तौर पर तीन लोगों को पुलिस थाने में नंगा खड़ा करने और जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने के आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर बल¨जदर ¨सह निवासी गांव राजेवाल तहसील समराला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल व¨रदर कुमार ने लिखित तौर पर इस बात की पुष्टि की है कि यह घटना हुई थी। पुलिस थाना खन्ना द्वारा आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ चार जुलाई को एससी व एसटी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। जानकारी के अनुसार घटना सितंबर 2019 की है। करीब 9 माह बाद यह वीडियो वायरल हो गया। इस पर डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आइजी लुधियाना रेंज को जांच के आदेश दिए थे। पुलिस इंस्पेक्टर बल¨जदर ¨सह ने अदालत में लगाई अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उसके विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके मुताबिक उन्होंने मामले के शिकायतकर्ता जसवंत ¨सह को उसके खेतों से नहीं उठाया गया था और न ही ऐसा कोई वाकया हुआ था। वहीं, सरकारी वकील व शिकायतकर्ता के वकील ने आरोपित की लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित ने बेवजह शिकायतकर्ता को उसके खेतों से जबरदस्ती उठा लिया और बाद में थाने ले जाकर कथित तौर पर थर्ड डिग्री टॉर्चर कर उसकी एक वीडियो बनाई। उन्होंने आरोप लगाया की आरोपित ने शिकायतकर्ता को जातिसूचक शब्द कहने के साथ साथ उसकी धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई।

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