RCEP पर मोदी सरकार की इन्कार से उद्योग जगत गदगद, फैसले को बताया इंडस्ट्री फ्रेंडली Ludhiana News
उद्यमियों का कहना है कि यह फैसला लेकर मोदी सरकार ने देश की माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज इंडस्ट्री-एमएसएमई को बर्बाद होने से बचा लिया है।
लुधियाना, जेएनएन। केंद्र की मोदी सरकार ने रीजनल कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद उद्यमी गदगद हैं। उद्यमियों का कहना है कि यह फैसला लेकर मोदी सरकार ने देश की माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज इंडस्ट्री-एमएसएमई को बर्बाद होने से बचा लिया है। इसके अलावा निर्यातकों को भी बड़ी राहत मिली है। मोदी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह इंडस्ट्री फ्रेंडली है और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस फैसले से उत्साहित उद्यमी शीघ्र ही समारोह आयोजित करके केंद्रीय मंत्रियों को सम्मानित करेंगे।
उद्यमियों का तर्क है कि यह समझौता देश की एमएसएमई, किसानों के किसी भी सूरत में हित में नहीं था। पहले ही अन्य देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते-एफटीए और आसियान समझौते का दंश आज भी देश के उद्योग झेल रहे हैं। 16 देशों के बीच होने वाले आरसीईपी समझौते से देश में जीरो फीसद पर उत्पाद आयात किए जाते और घरेलू उद्योग सस्ते आयात के मुकाबले टिक नहीं पाते। इससे यहां की इंडस्ट्री के समक्ष आस्तित्व का संकट पैदा होता। इस समझौते के खिलाफ लुधियाना की साइकिल एवं पार्ट्स इंडस्ट्री ने नई दिल्ली तक जम कर अपना विरोध जताया था।
चावला ने मोदी सरकार का जताया आभार
युनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला का कहना है कि आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने से उद्योग जगत ने राहत की सांस ली है। इसके लिए चावला ने मोदी सरकार का शुक्रिया किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के उद्योगों के हित में फैसला लिया है। चावला की मांग है कि इसे पक्के तौर पर बाय-बाय किया जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित करके उनका सम्मान किया जाएगा।
उद्योग हित में अहम फैसला: केके सेठ
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन केके सेठ के अनुसार मोदी सरकार ने उद्योग हित में अहम फैसला लिया है। साइकिल उद्योग के लिए पहले ही चीन चुनौती बना हुआ है। साइकिल पर तीस फीसद एवं पार्ट्स पर बीस फीसद कस्टम ड्यूटी है। बावजूद इसके चीन से सस्ता आयात लगातार बढ़ रहा है। यदि आरसीईपी समझौते में जीरो फीसद ड्यूटी पर आयात होता तो यहां के उद्योगों के पांव ही उखड़ जाते। उन्होंने कहा कि अब आरसीईपी की तलवार हट गई है और इंडस्ट्री ग्रोथ करेगी।
देश से निर्यात में इजाफा होगा
एससी रल्हन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि आरसीईपी पर मोदी सरकार का फैसला सराहनीय है। इससे देश से निर्यात में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते को लेकर एमएसएमई सेक्टर एवं निर्यातक भी चिंतित थे। उन्होंने कहा कि पहले ही देश का व्यापार घाटा काफी है। इस समझौते के बाद देश में आयात और निर्यात के बीच का गैप और बढ़ जाता।
उद्यमियों ने केंद्र तक आवाज की थी बुलंद : बदीश
जिंदल फेडरेशन ऑफ पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बदीश जिंदल ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर यहां के उद्योगों ने केंद्र तक आवाज बुलंद की। इस समझौते के नकारात्मकता के पहलुओं से सरकार को अवगत कराया। अब सरकार ने उद्योगों के हित में फैसला लेकर बड़ी राहत दी है।