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इंडस्ट्री को जल्द लगेगा‍ बिजली का झटका, 35 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेंगे दाम

पंजाब सरकार की ओर से इंडस्ट्री को राहत देने की बजाय एक नया झटका देने की तैयारी की गई है। जी हां! प्रदेश सरकार की ओर से 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली के दामों में इजाफा किया जा रहा है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 09:31 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 08:23 AM (IST)
इंडस्ट्री को जल्द लगेगा‍ बिजली का झटका, 35 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेंगे दाम
इंडस्ट्री को जल्द लगेगा‍ बिजली का झटका, 35 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेंगे दाम

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। पंजाब सरकार की ओर से नए साल में इंडस्ट्री को राहत देने की बजाय एक नया झटका देने की तैयारी की गई है। जी हां! प्रदेश सरकार की ओर से 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली के दामों में इजाफा किया जा रहा है। पांच रुपये प्रति यूनिट इंडस्ट्री को बिजली का सपना तो पूरा नहीं किया और फिक्सड चार्जेज की आड़ में छोटी इंडस्ट्री के लिए बिजली पहले से महंगी कर दी और अब नए साल में 35 पैसा प्रति यूनिट बिजली बढ़ाने की घोषणा की है। इससे लंबे समय से रिसेशन में चल रही इंडस्ट्री के लिए इनपुट कास्ट सहन करना मुश्किल होगा।

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इंडस्ट्री का कहना है कि प्रदेश सरकार उद्योगों को बचाने की बजाय बर्बादी की कगार पर ले जा रही है, उद्यमियों ने इस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। ताकि उद्योग इस क्राइसिस के दौर में भी अपने अस्तित्व को बचा सकें।

छोटी इंडस्ट्री को नहीं मिल रहा पांच रुपये बिजली का लाभ

फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीयल एंव कॉमर्शियल आर्गेनाइजेशन (फीको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक सरकार की ओर से पांच रुपये बिजली की घोषणा के बाद पुराने दामों से भी बिजली महंगी कर दी गई। केवल बड़ी इंडस्ट्री को ही पांच रुपये बिजली का लाभ मिल रहा है। जबकि छोटी इंडस्ट्री को कम काम करने के चलते अधिक दाम भरने पड़ रहें हैं और अब 35 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की जा रही है।

चुनावी वादा पूरा करे सरकार

सीआइसीयू प्रधान उपकार सिंह आहुजा के मुताबिक इस समय पहले ही इंडस्ट्री रिसेशन में है। सरकार को अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली को पूरा करना चाहिए। बार-बार इस तरह की बढ़ोतरी से इंडस्ट्री को इनपुट कास्ट के लिए दो चार होना पड़ रहा है।

सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए

कोहीनूर साइकिल के एमडी अनिल सचदेवा के मुताबिक यह दौर बेहद कठिन है। पहले ही इंडस्ट्री 20 से 30 प्रतिशत कम प्रोडक्शन कर रही है। ऐसे में खपत कम होने के बावजूद दामों में बढ़ोतरी करना सही नहीं। बिजली इंडस्ट्री का प्रमुख रॉ मैटीरियल है। बार बार इसमें होने वाली बढ़ोतरी को इंडस्ट्री सहन नहीं कर पाएगी। सरकार को इस बढ़ोतरी के लिए एक बार फिर पुन विचार करना चाहिए।

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