इंडक्शन फर्नेस उद्योग में बिजली दरों में वृद्धि का किया विरोध
पंजाब स्टेट इंलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की ओर से वीरवार को लुधियाना में बिजली की दरों में इजाफे को लेकर लोगों के विचार लिए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब स्टेट इंलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की ओर से वीरवार को लुधियाना में बिजली की दरों में इजाफे को लेकर लोगों के विचार लिए। बैठक के दौरान इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन आफ नार्थ इंडिया ने बिजली दरों में इजाफे के प्रस्ताव का विरोध किया। उद्यमियों ने तर्को के साथ यह समझाया कि बिजली की दरों में इजाफे की बजाय कमी की जाए, क्योंकि खुले बाजार में बिजली दो रुपये प्रति यूनिट एवं सोलर एनर्जी सरकार ढाई रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीद रही है। जबकि इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट से अधिक दर पर बिजली दी जा रही है। बैठक में एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग एवं महासचिव देव गुप्ता के अलावा संदीप जैन भी मौजूद रहे।
गर्ग ने बैठक में मांग की कि नाइट टैरिफ का लाभ आठ माह की बजाय पूरे साल दिया जाए। पहले नाइट टैरिफ में सवा रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी मिल रही थी, जोकि अब कम होकर केवल 17 पैसे प्रति यूनिट रह गई है। इसका उद्यमियों को कोई लाभ नहीं है। एसोसिएशन की मांग है कि सवा रुपये की सब्सिडी नाइट टैरिफ में दी जाए। इसके अलावा 66 केवीए की लाइन लेने वाले उद्यमियों को रिबेट 25 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ा कर कम से कम पचास पैसे किया जाए। क्योंकि दस पैसे प्रति यूनिट तो ट्रांसफार्मर लासेस ही आ जाते हैं। ऐसे में इंडस्ट्री को सिर्फ दस पैसे ही मिल रहे हैं,जोकि काफी कम हैं।
इंडस्ट्री से एक समान चार्ज लिए जाएं
इंडक्शन फर्नेस उद्यमियों ने यह भी कहा कि एक तरफ सरकार प्रदूषण कम करने की बात कर रही है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ बिलेट हीटर लगाने वाली इकाइयों को पावर इंटेंसिव यूनिट की केटेगरी में रखा जा रहा है। इससे उद्यमियों को अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसे जनरल इंडस्ट्री की केटेगरी में लाया जाए। साथ ही इंडस्ट्री के लिए फिक्स चार्जेज अलग अलग रखने की बजाय एक समान रखे जाएं। इससे उद्यमियों को लेवल प्लेइंग फील्ड मिलेगा।
इंडस्ट्री को फिक्स्ड चार्जेज से मुक्त किया जाए
उद्यमियों ने कहा कि सूबे में 150 से अधिक इंडक्शन फर्नेस इकाईयां हैं। जोकि एमएसएमई सेक्टर की 75 फीसद लोहे की मांग को पूरा करती हैं। उद्यमियों ने कहा कि लाकडाउन के दौरान इंडस्ट्री को फिक्स्ड चार्जेज से मुक्त किया जाए। पंजाब सरकार ने इस का ऐलान कर दिया था, लेकिन कमीशन ने चार्जेज जमा कराने का आदेश दे दिया। उद्यमियों ने सवाल किया कि क्या कमीशन सरकार से भी उपर है। इसके अलावा उद्यमियों ने तमाम बिदुओं को लेकर विस्तार से अपने तर्क रखे।