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वर्किग कैपिटल अटकने से निर्यातकों की बढ़ी दिक्कतें

कोविड के कारण पहले ही इंडस्ट्री आर्थिक तंगी से जूझ रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 06:00 AM (IST)
वर्किग कैपिटल अटकने से निर्यातकों की बढ़ी दिक्कतें
वर्किग कैपिटल अटकने से निर्यातकों की बढ़ी दिक्कतें

जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोविड के कारण पहले ही इंडस्ट्री आर्थिक तंगी से जूझ रही है। उद्यमियों के पास तरलता की भारी कमी है, नतीजतन खुलकर काम नहीं कर पा रहे। इसके साथ ही करोड़ों रुपये सरकारी विभागों में अटके हैं। ऐसे में वर्किंग कैपिटल की कमी भी खटक रही है। इसके चलते आर्थिक दिक्कतें बढ़ रही हैं। निर्यातकों को पिछले तीन माह से आइजीएसटी में रिफंड नहीं मिला। इसके कारण भी वह परेशान हैं। निर्यातकों ने सरकार से मांग की है कि रिफंड तुरंत जारी किया जाए।

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जिले के निर्यातकों के अनुसार जून, जुलाई व अगस्त का आइजीएसटी रिफंड नहीं मिला। यह करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये है। उद्यमी मानते हैं कि केंद्र सरकार जानबूझकर रिफंड देने में देरी कर रही है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन के अनुसार केंद्र सरकार कस्टम विभाग को आइजीएसटी का डाटा हर माह ट्रांसफर करती है। इसके बाद कस्टम विभाग रिफंड जारी करता है, लेकिन अभी तक तीन माह का डाटा ट्रांसफर नहीं किया। इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय एवं सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम को बकायदा पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि निर्यातकों की रकम ही उन्हें नहीं मिल रही है। रल्हन ने कहा कि निर्यातकों को नए खरीदारों व मार्केट से ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन नकदी का संकट है। इस वजह से ऑर्डर लेने में हिचकिचाहट हो रही है।

दस्तावेज अपलोड करने वाली साइट भी बीमार

निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के प्रधान हरीश दुआ ने कहा कि रिफंड न मिलने से निर्यातकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि दस्तावेज अपलोड करने वाली साइट भी पूरी तरह से काम नहीं कर रही है। ऐसे में निर्यातक नए क्लेम भी ढंग से अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। दुआ ने कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर रिफंड क्लीयर करने चाहिए। रिफंड न मिलने से निर्यातकों को अतिरिक्त कर्ज लेकर फंड का इंतजाम करना पड़ रहा है। इससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।


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