Move to Jagran APP

कैलीबल प्लाजा एसी मार्केट में इनकम टैक्स की रेड, व्यापारियों ने बंद की दुकानें

शहर के प्रमुख गारमेंट्स बिक्री मार्केट कैलीबल प्लाजा एसी मार्केट में उस समय बवाल हो गया जब यहां रेड के लिए इन्‍कम टैक्स विभाग के अधिकारी पहुंचे।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 03:07 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 03:07 PM (IST)
कैलीबल प्लाजा एसी मार्केट में इनकम टैक्स की रेड, व्यापारियों ने बंद की दुकानें
कैलीबल प्लाजा एसी मार्केट में इनकम टैक्स की रेड, व्यापारियों ने बंद की दुकानें

जेएनएन, लुधियाना। शहर के प्रमुख गारमेंट्स बिक्री बाजार कैलीबल प्लाजा एसी मार्केट में उस समय बवाल हो गया, जब यहां रेड के लिए इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी पहुंचे। विभाग की टीमों की ओर से एक साथ मार्केट की तीन शोरूम में दबिश दी गई। इसमें आरपी क्रिएशन, सन्नी टैक्सफेब और के गर्ल शामिल हैं। तीनों पर इनकम टैक्स विभाग की दबिश की सूचना पाते ही व्यापारी वर्ग एकजुट होने शुरू हो गए। देखते ही देखते साथ लगते बाजारों से भी व्यापारी एकत्रित हुए और मार्केट के दरवाजे बंद कर लिए। ऐसे में उद्यमियों के रोष को देखते हुए विभाग के अधिकारी बिना कार्रवाई के लौट गए। मार्केट को पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया है। जबकि विभाग अधिकारियों ने रेड को दोबारा आरंभ करने के लिए अधिक पुलिस बल की मांग की है।

loksabha election banner

ज्ञात हो कि इस मार्केट में 750 दुकानें हैं और यहां पांच हजार से अधिक वर्कर काम करते हैं। ऐसे में मार्केट को रेड के बाद पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया है। सारे वर्कर और अन्य बाजारों से आए व्यापारी विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ एकत्रित हुए है। प्रधान गुरचरण सिंह चन्न ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। जबकि विभाग की ओर से बिना कारण व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.