क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट के विरोध ने IMA का प्रदर्शन, 23 जून को मेडिकल सेवाएं बंद करने की चेतावनी
डॉ. सुनील कत्याल ने कहा कि क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट से जहां छोटे अस्पतालों व नर्सिंग होम के डाक्टरों की परेशान बढ़ेगी बल्कि मरीजों पर भी इलाज के खर्च का बोझ बढ़ जाएगा।
लुधियाना, जेएनएन। क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट व प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में फीस बढ़ोतरी के विरोध में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) लुधियाना की ओर से आईएमए हाउस में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एसोसिएशन सदस्यों ने क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट की कापियां भी फूंकी।
इस मौके पर प्रेजीडेंट डॉ. सुनील कत्याल ने कहा कि क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट को लागू न किया जाए। क्योंकि इस एक्ट से जहां छोटे अस्पतालों व नर्सिंग होम के डाक्टरों की परेशान बढ़ेगी, बल्कि मरीजों पर भी इलाज का खर्च बढ़ने से उन पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। छोटे अस्पताल व नर्सिंग होम बंद हो जाएंगे, जहां 70 प्रतिशत पंजाब की आबादी इलाज करवाती है। एक्ट के लागू होने से गरीब व जरूरतमंद मरीजों के लिए इलाज करवाना मुशिकल हो जाएगा। वहीं प्राइवेट कालेजों में फीस बढ़ोतरी का निर्णय भी बेहद निंदनीय है। पहले ही प्राइवेट मेडिकल कालेजों की फीसें बहुत अधिक हैं। ऐसे में और ज्यादा फीसें बढ़ाने से स्टूडेंटस मेडिकल की पढाई करना छोड़ देंगे। जिससे देश में डाक्टरों की कमी आ सकती है। डॉ. कत्याल ने कहा कि दोनों फैसलें जनविरोधी है।
'सरकार ने फैसला वापस न लिया तो इमरजेंसी सहित मेडिकल सेवाओं को बंद करेंगे'
वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी पंजाब के को चेयरमैन डॉ. मनोज सोबती ने कहा कि आईएमए क्लीनिकल इस्टेबिल्शमेंट एक्ट को लागू नहीं होने देगी। सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि 18 जून को एक्ट के विरोध में राज्य स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती तो 23 जून को एक दिन के लिए इमरजेंसी सहित मेडिकल सेवाओं को बंद करेंगे। एक दिन के बंद के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, तो मीटिंग करके विरोध प्रदर्शन को और तेज करेंगे। इस दौरान आईएमए के पूर्व प्रेजीडेंट डॉ. कुलवंत सिंह, डॉ. मनोज साेबती, पीएमसी मैंबर डॉ. कर्मवीर गोयल, आईएमए वाइस प्रेजीडेंट डॉ. बिमल कानिश व आईएमए जनरल सेक्रेटरी डॉ. धीरज अग्रवाल, आइएमए के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट डॉ. गौरव सचदेवा सहित अन्य मौजूद थे।