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पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पाेते बोले- कृषि कानून रद हो तो राजोआणा की रिहाई पर नहीं एतराज

पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले ताे उन्‍हें बलवंत सिंह राजाेआणा की रिहाई पर कोई एतराज नहीं होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 09:08 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 01:51 PM (IST)
पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पाेते बोले- कृषि कानून रद हो तो राजोआणा की रिहाई पर नहीं एतराज
पंजाब के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और बलवंत सिंह राजोआणा की फाइल फोटो।

लुधियाना/नई दिल्ली, जेएनएन/एजेंसी। पंजाब में पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्‍या के दोषी बलवंत सिंह राजोाआणा की रिहाई को लेकर सियासत के बीच लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और उनके चचेरे भाई विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने बड़ा बयान दिया है। बिट्टू और कोटली का कहना है कि अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि सुधार कानून रद कर दे तो उनके परिवार को राजोआणा की रिहाई पर एतराज नहीं है। कोटली ने यह भी कहा कि अगर राजोआणा माफी मांग ले तो उन्हें उसकी रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है।

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विधायक कोटली ने कहा, राजोआणा माफी मांग ले तो रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि राजोआणा को रिहा किया जाए। इसके बाद रविवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर करते हुए बिट्टू ने कहा है कि उनके दादा बेअंत ¨सह ने हमेशा किसान हितों की बात की। राज्य में आतंकवाद खत्म कर किसानों के हितों की रक्षा को ही तरजीह दी।

बिट्टू ने कहा कि यदि केंद्र की सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले तो कोटली परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सीबीआइ को सारे केस वापस लेने के लिए लिखित में देने को तैयार है। बिट्टू ने कहा कि पंजाब, पंजाबियत और हिंदू व सिख भाईचारे के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं।

इसके साथ ही बिट्टू ने आरोप लगाया कि शिअद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बी टीम है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आह्वान पर बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर इस मामले की 26 जनवरी से पहले रोजाना सुनवाई करने की अपील की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार दिसंबर, 2020 को केंद्र सरकार से पूछा था कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को लेकर राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजा जाएगा।

चंडीगढ़ की एक अदालत ने 27 जुलाई, 2007 को राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी। जिसे 12 अक्टूबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। जिसके बाद राजोआणा ने इस फैसले के खिलाफ न तो अपील दायर की और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की। इस मामले में जगतार सिंह हवारा को भी मौत की सजा सुनाई गई थी।

गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह और शमशेर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह सहित 17 लोग मारे गए थे।

सुखबीर पर बरसे बिट्टू

बिट्टू ने कहा कि सुखबीर बादल कह रहे हैं कि बलवंत सिंह राजोआणा को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाना चाहिए। लेकिन वह (बिट्टू) पूछना चाहते हैं कि अगर पांच बार मुख्यमंत्री रहे आपके (सुखबीर) पिता की हत्या हुई होती तो क्या आपका बेटा उनके हत्यारोपितों को छुड़वाने या रिहा करवाने के लिए जाता। उधर, विधायक कोटली ने भी कहा कि शिअद ने हमेशा हर मुद्दे का राजनीतिकरण किया है और कभी भी शांति का समर्थक नहीं रहा।


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