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लुधियाना में धर्मातरण के लिए लाए गए 34 बच्चों में से 30 लापता

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के जुनूल लोगा के माध्यम से सभी 34 बच्चों को लुधियाना ले जाया गया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 01:19 PM (IST)
लुधियाना में धर्मातरण के लिए लाए गए 34 बच्चों में से 30 लापता
लुधियाना में धर्मातरण के लिए लाए गए 34 बच्चों में से 30 लापता

राज्य ब्यूरो, रांची/ लुधियाना : झारखंड के चाईबासा से मानव तस्करी कर अवैध तरीके से लुधियाना ले जाए गए 34 बच्चों में से 30 लापता हैं। सभी बच्चों को लुधियाना के फुल्लांवाल इंदरनगर पक्खोवाल रोड स्थित पैकियम मर्सी क्रॉस बाल गृह में रखा गया था। उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था और उनसे बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। इस पूरे प्रकरण में रविवार को चाईबासा के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह प्राथमिकी सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) चाईबासा की सदस्य ज्योत्सना तिर्की ने दर्ज कराई है।

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दर्ज प्राथमिकी के बाद चाईबासा के एसपी क्रांति कुमार गड़देशी ने लुधियाना के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर छापेमारी व बच्चों को मुक्त कराने गई चाईबासा पुलिस को सहयोग देने का आग्रह किया है। दर्ज प्राथमिकी में ज्योत्सना ने बताया है कि पूर्व में सामने आए बाल तस्करी की इस सूचना के बाद एसपी चाईबासा के आदेश पर एएचटीयू थाना प्रभारी बनारसी राम के नेतृत्व में एक टीम लुधियाना गई। दारोगा बनारसी राम ने सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी कि लुधियाना के सीडब्ल्यूसी सदस्य संजय माहेश्वरी के साथ जब पैकियम मर्सी क्रॉस होम में जांच करने के लिए गए तो वहां पता चला कि उक्तहोम के मालिक सत्येंद्र प्रसाद मोसेस हैं। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के जुनूल लोगा के माध्यम से सभी 34 बच्चों को लुधियाना ले जाया गया था। जुनूल लोगा चाईबासा के गुदड़ी थाना क्षेत्र के सेरेंगदा का रहने वाला है। जब लुधियाना में हलचल तेज हुई तो उक्त बाल गृह से 30 बच्चों को भगा दिया गया। वहां अब सिर्फ चार बच्चे ही रह गए हैं। सिर्फ चार बच्चे ही मुक्त हुए, जिन्हें दूसरे बाल गृहों में रखा गया है। लुधियाना में ही पढ़ा है बाल तस्कर जुनूल लोगा

जुनूल लोगा ने मर्सी होम क्रिश्चियन हॉस्टल इंदरनगर लुधियाना में पढ़ाई कर मैट्रिक पास की थी। इसीलिए बाहर के बच्चों को वहां पढ़ाई व रोजगार का प्रलोभन देकर उनके माता-पिता को धोखे में रखकर ले गया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार जुनूल लोगा ने झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यरत मिशनरी संस्थाओं व चर्च के पादरियों की मिलीभगत से मानव तस्करी की।


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