कोरोना की मार झेल रही पंजाब की Hotel industry को बजट से उम्मीदें, जानें क्या है मांगें
पंजाब के बजट में करों में देने छूट के साथ-साथ पांच रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की आपूर्ति की मांग की गई है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को ज्ञापन भेजा है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण सबसे अधिक आर्थिक मार झेल रहे सूबे के होटल एंड रेस्टोरेंट उद्योग को पंजाब बजट (Punjab Budget ) से 'संजीवनी' की दरकार है। कोरोना काल में होटल एवं रेस्टोरेंट कई महीने बंद रहे। अब फिर से कोरोना पैर पसार रहा है तो एक मार्च से सबसे पहले प्रतिबंध भी होटलों पर ही लगे हैं। करीब 65 फीसद तक होटल बंदी के कागार पर आ गए हैं।
इस सेक्टर में जान फूंकने के लिए अब पंजाब सरकार को बजट में विशेष आर्थिक राहतें देनी होंगी। इसके लिए होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को बकायदा बजट पूर्व ज्ञापन भी भेजा है। ज्ञापन में बजट में करों में छूट देने के साथ-साथ पांच रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की आपूर्ति की मांग की गई है।
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सूबे में करीब दस हजार होटल एवं रेस्टोरेंट
उद्यमियों के अनुसार सूबे में करीब दस हजार होटल एवं रेस्टोरेंट हैं। इनमें से लगभग 2500 सिर्फ होटल ही हैं। सूबे में होटल उद्योग के पास करीब 25 हजार कमरे हैं। कोरोना के कारण पिछले एक साल के दौरान होटलों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है। बैंकों के कर्ज बढ़ रहे हैं। कई होटल आस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं। अभी भी होटलों में 25 फीसद ही कारोबार हो रहा है। क्योंकि रेल, हवाई यातायात से आवाजाही काफी सीमित है। कोरोना के चलते दूसरे राज्यों से लोगों की आवाजाही काफी कम है। ऐसे में खर्च तक निकालने में दिक्कत आ रही है। सरकार ने सौ लोगों से अधिक की पार्टी पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। इसका भी सीधा असर कारेाबार पर हो रहा है।
पंजाब में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले शराब काफी महंगी
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब के महासचिव दविंदर बीर सिंह नंदा ने कहा कि होटल उद्योग को पटरी पर लाने के लिए बजट में इस सेक्टर पर लग रहे तमाम करों प्रापर्टी टैक्स, पानी एवं सीवरेज टैक्स इत्यादि में कम से कम तीन साल के लिए पचास फीसद तक की छूट दी जाए। एसोसिएशन के चीफ एडवाइजर अमरजीत सिंह ने कहा कि सूबे में सरकार उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली दे रही है। इसी दर पर होटल उद्योग को भी बिजली की आपूर्ति की जाए। इसके अलावा लुधियाना में होटल मैनेजमेंट कोर्स कराने का कालेज खोला जाए ताकि इंडस्ट्री में ट्रेंड मैनपावर की कमी को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले लिकर काफी महंगी है। ऐसे में तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। लिकर पर आबकारी ड्यूटी को बजट में कम करने के इंतजाम किए जाएं।
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होटल उद्योग को दिया जाए विशेष उद्योग का दर्जा
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब के स्टेट प्रेसिडेंट अमरवीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने होटल को वर्ष 1996 में उद्योग का दर्जा दिया था, लेकिन अभी तक उद्योग की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। बिजली की दर भी औद्योगिक की बजाय व्यवसायिक ही वसूल की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट से निकालने के लिए होटल उद्योग को विशेष उद्योग का दर्जा दिया जाए। अमरवीर ने कहा कि इस सेक्टर में नया निवेश लगभग रुक गया है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए कम से कम तीन साल के लिए जीरो फीसद ब्याज दर पर ऋण सुविधा मुहैया कराई जाए।