कंगना के दफ्तर पर कार्रवाई काे लेकर भड़की हिमाचल प्रांतीय सभा, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग
कंगना ने यह कहकर कि मुंबई किसी के बाप की नहीं है कोई अपराध नहीं किया है क्योंकि मुंबई भी इस देश का उतना ही हिस्सा है जैसे बाकी प्रदेश हैं।
लुधियाना, जेएनएन। हिमाचल प्रांतीय सभा ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर महाराष्ट्र सरकार की रंजिशन कार्रवाई काे बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया है। सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा व चेयरमैन सुनील मोदगिल ने कहा है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस कांड की जांच सीबीआइ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा शुरू करने को व्यक्तिगत अपमान मानकर महाराष्ट्र सरकार बौखला गई है।
मोदगिल ने कहा कि सरकार के निरकुंश रवैये ने उन लाखों हिमाचलियों का भी अपमान किया है जो दशकों से भारत की सरहदों की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करते आए हैं। उन्होंने कहा कि कंगना ने यह कहकर कि मुंबई किसी के बाप की नहीं है, कोई अपराध नहीं किया है क्योंकि मुंबई भी इस देश का उतना ही हिस्सा है जैसे बाकी प्रदेश हैं।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने किया गुंडागर्दी का नंगा नांच
भारत में रहने वाले किसी भी नागरिक को कहीं भी रहकर अपना जीवन जीने और भविष्य संवारने हक संविधान ने दिया है जिसे कोई भी शक्ति चुनौती नहीं दे सकती। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने गुंडागर्दी का नंगा नाच किया है, उससे लोगों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास कमजोर हुआ है। पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की।
गाैरतलब है कि कंगना ने ट्वीट कर कहा था कि रानी लक्ष्मीबाई के साहस,शौर्य और बलिदान को मैंने फ़िल्म के जरिये जिया है। दुख की बात यह है मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है मै रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूंगी ना डरूंगी, ना झुकूंगी। गलत के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रहूंगी, जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी