पंजाब शिक्षा विभाग ने 14 साल की सेवा के बाद शिक्षिका को माना अयोग्य, हाई कोर्ट ने लगाई रोक
शिक्षिका ने कोर्ट को बताया कि जितने भी आवेदक उस समय कोटे के तहत चयनित हुए थे वह सभी उसके समान ही थे लेकिन कार्रवाई सिर्फ उसके खिलाफ की जा रही है। इतना ही नहीं यह कार्रवाई करने में विभाग को 14 साल का समय लग गया।
लुधियाना, चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार काे पंजाब सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत सरकार ने लुधियाना की एक शिक्षिका को 14 साल की सेवा के बाद अयोग्य मान कर उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
हाई कोर्ट ने यह आदेश शिक्षिका इंद्रजीत कौर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। याचिका में शिक्षिका ने बताया है कि 14 साल की सेवा के बाद 29 अक्टूबर 2020 को शिक्षा विभाग ने यह कहकर उसे चार्जशीट कर दिया कि उसकी नियुक्ति एक्स सर्विसमैन कोटे से हुई थी। वह इस कोटे के लिए आवेदन नहीं कर सकती थी क्योंकि नियुक्ति से पहले वह शिक्षा विभाग में ही हिंदी शिक्षिका के तौर पर कार्य कर रही थी।
शिक्षिका ने कोर्ट को बताया कि जितने भी आवेदक उस समय कोटे के तहत चयनित हुए थे वह सभी उसके समान ही थे लेकिन कार्रवाई सिर्फ उसके खिलाफ की जा रही है। इतना ही नहीं यह कार्रवाई करने में विभाग को 14 साल का समय लग गया और इसी बीच उसे प्रमोशन देकर लुधियाना में प्रिंसिपल भी बनाया गया। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षिका पक्ष को सुनने के बाद पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।