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Health Tips: ज्यादा देर तक बैठने से साइटिका का बढ़ा खतरा, योग से पा सकते हैं निजात; जानें कैसे

Health Tips साइटिका दर्द खास करके 30 से ऊपर के वर्ष के लोगों में देखने को मिलती है जब उमर बढ़ती है तो हड्डियां आपस में मिलने लगती है। शरीर में साइटिका की नसें हिप्स और जांघो से होते हुए पैरों के बराबर तक जाती हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:54 AM (IST)
Health Tips: ज्यादा देर तक बैठने से साइटिका का बढ़ा खतरा, योग से पा सकते हैं निजात; जानें कैसे
साइटिका दर्द खास करके 30 से ऊपर के वर्ष के लोगों में देखने काे मिलता है। (जागरण)

लुधियाना, [आशा मेहता]। Health Tips: साइटिका दर्द खास करके 30 से ऊपर के वर्ष के लोगों में देखने को मिलती है जब उमर बढ़ती है तो हड्डियां आपस में मिलने लगती है। शरीर में साइटिका की नसें कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर हिप्स और जांघो से होते हुए पैरों के बराबर तक जाती हैं। एवरेस्ट योगा इंस्टीट्यूट के प्रमुख और योग एक्सपर्ट संजीव त्यागी कहते हैं कि साइटिका होने की प्रमुख वजहों में दबाव, जलन और साइकेटिक नर्व्स या निचली पसलियों में इंजरी के कारण हो सकता है। इसके अलावा मसल्स में चोट लगने, मसल्स टाइट होने या बहुत ज्यादा उपयोग के कारण, व्यायाम ना करना, अधिक बैठे रहना , अधिक ना चलना से भी साइटिका की समस्या हो सकती है। 

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आसन करने की विधि

साइटिका दर्द में आसनों को कभी भी अधिक खिंचाव में नहीं किया जाता है जिन्हें स्लिप डिस्क, हेमिस्ट्रिंग मसल्स में बहुत अधिक खिंचाव हो, हाल ही कोई ऑपरेशन हो तो वह इस आसन को ना करें। 

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दंडायमन अर्ध पवनमुक्तासन

इस आसन को खड़े हो कर किया जाता है मेट पर दोनों सामान्य स्थिति में खड़े हो जाएं दोनों पैरों में आरामदायक फासला रखें अब दाएं घुटनें को मोड़ कर सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें ओर आसन को 10 से 15 बार करें। इसी प्रक्रिया को दूसरी ओर से भी करें। यह आसन को दीवार के सहारे से भी कर सकते हैं। इस में कमर, गर्दन को सीधा रखें।यह आसन हिप्स की मसल्स को अच्छा खिंचाव देता है। 

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उत्तान पादासन

यह आसन भी लेट कर किया जाता है अपने मेट पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं। दोनों हथेलियों को जांघों के साथ भूमि पर रख दें। दोनों पैरों के घुटनों, एड़ियों और अंगूठों को आपस में सटाए रखें और दोनों पैरों को उपर की उठाते हुए 60 से 45 डिग्री का कोण बनाएं। इसे 15 से 20 बार करें। यह आसन पेट, कमर और साइटिका दर्द के लिए बहुत उत्तम आसन है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

सबसे पहले मेट पर, दंडासन में बैठ जायें। हल्का सा हाथों से ज़मीन को दबायें, और साँस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को लंबा करें।बाएं पैर को मोड़ें और दाएं घुटने के उपर से लाकर बाएं पैर को जमीन पर रखें।दाहिने पैर को मोड़ें और पैर को बाईं नितंब के निकट जमीन पर आराम से रखें।बाएं पैर के उपर से दाहिने हाथ को लायें और बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें।श्वास छोड़ते हुए धड़ को जितना संभव हो उतना मोड़ें, और गर्दन को मोड़ें जिससे कि बाएं कंधे पर दृष्टि केंद्रित कर सकें।बाएं हाथ को ज़मीन पर टिका लें, और सामान्य रूप से श्वास लें। आसन में 15 से 20 सेकेंड तक बने रहें। इसी क्रिया को दूसरी ओर से भी करें। यह आसन कमर के निचले हिस्से में अच्छा खिंचाव देता है जो दर्द में बहुत आराम देता है।

आई निडिल पोज

इस आसन को लेट कर किया जाता है मेट पर कमर के बल सीधा लेट जाएं और दोनों घुटनें को मोड़ें अब दाएं पैर को बाएं घुटनें के ऊपर रख दें और बाएं पैर को दोनों हाथों से पकड़ कर श्वास लेते ओर छोड़ते हुए छाती की ओर लाएं और गर्दन उपर उठा कर घुटनें से लगाने का प्रयास करें ओर आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। इसे दूसरी ओर से भी करें। यह आसन हिप्स की मसल ओर हेमस्ट्रिंग में बहुत अच्छा खिंचाव देता है जो साइटिका दर्द में बहुत आराम देता है।


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