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महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में स्टाफ पर गिरेगी गाज Ludhiana News

मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में 21 मई को एक महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में कई अन्य स्टाफ कर्मियों पर गाज गिर सकती है।

By Edited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 01:34 PM (IST)
महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में स्टाफ पर गिरेगी गाज Ludhiana News
महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में स्टाफ पर गिरेगी गाज Ludhiana News

जेएनएन, लुधियाना। मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में 21 मई को एक महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में कई अन्य स्टाफ कर्मियों पर गाज गिर सकती है। इस मामले में अभी तक केवल स्टाफ नर्स रूथ को ही दोषी ठहराते हुए उसे बर्खास्त किया गया था। जानकारी के मुताबिक 14 जून को सिविल सर्जन डॉ. परविंदरपाल सिंह सिद्धू ने रिवर्ट होने से पहले सेहत एवं परिवार भलाई विभाग पंजाब के डायरेक्टर को पूरे मामले को लेकर एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें उन्होंने जिला टीकाकरण अफसर डॉ. जसबीर सिंह, मेडिकल अफसर डॉ. पुनीत संधू और डॉ. अमृत कौर चावला की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया है।

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डायरेक्टर को भेजी रिपोर्ट में स्टाफ नर्स रूथ के अलावा स्टाफ नर्स सिमरदीप कौर, डीएनबी स्टूडेंट ऑन ड्य़ूटी डॉ. गौरव, डीएनबी रेजिडेंट ऑन ड्य़ूटी डॉ. सुखदा, डीएनबी रेजिडेंट ऑन ड्य़ूटी डॉ. क्रिसपर और डीएनबी रेजिडेंट डॉ. निशा तिवाड़ी के साथ-साथ मैट्रन सिविल अस्पताल को भी इस बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में घटना वाले दिन ड्यूटी पर मौजूद रहे लैब टेक्नीशियन सैमुअल को सस्पेंड करने के अलावा बीटीओ डॉ. जीएस ग्रेवाल पर भी एक्शन लेने की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीटीओ अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों से ब्लड ट्रांसफ्यूजन का स्टैंडर्ड ऑपरे¨टग प्रोसीजर फॉलो नहीं करवा सके। यहीं नहीं, एमसीएच की इंचार्ज एसएमओ डॉ. हतिंदर कौर और डीएनबी प्रोग्राम अफसर डॉ. प्रदीप शर्मा को चेतावनी जारी करने के संबंध में भी लिखा गया है। रिपोर्ट में लिखा है कि डॉ. प्रदीप शर्मा डीएनबी रेजीडेंट्स को अनुशासन में रखने में अफसल रहने के लिए जिम्मेदार हैं।

गढ़शकंर की महिला को चढ़ा दिया था गलत ब्लड

गढ़शंकर की रहने वाली हरप्रीत सिंह की गर्भवती पत्नी लक्ष्मी को आठ मई को प्रसव के लिए मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसी दिन सिजेरियन ऑपरेशन से उसके बेटा हुआ। 20 कई को खून की कमी के कारण लक्ष्मी को दोबारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 21 मई को लक्ष्मी के पिता मोहन सिंह जब ब्लड बैंक पहुंचे, तो अनपढ़ होने के कारण वह लैब टेक्नीशियन द्वारा टेबल पर रखे दूसरे मरीज के ए पॉजीटिव ब्लड को लेकर चले गए। जबकि लक्ष्मी के लिए बी पाजीटिव ब्लड की जरूरत थी। लैब टैक्नीशियन ने पता होने के बावजूद लक्ष्मी के पिता को नहीं रोका और न ही इसके बारे में वार्ड की स्टाफ या किसी और को सूचित किया। लक्ष्मी के पिता ने ए पाजीटिव ब्लड स्टाफ नर्स को दिया। स्टाफ नर्स ने भी मरीज को ब्लड चढ़ाने से पहले सभी दस्तावेजों के साथ क्रॉस मेच किए बगैर लक्ष्मी को ब्लड चढ़ा दिया। अभी आधा यूनिट ब्लड चढ़ा ही था कि लक्ष्मी की तबीयत बिगड़ गई। ट्रेनी डॉक्टर को बुलाया तो पता चला कि महिला को बी पॉजिटिव ब्लड की जगह पर ए पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया जा रहा था।

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