कोर्ट परिसर में पार्किंग और जलभराव की समस्या को सेशन जज के समक्ष उठाया Ludhiana News
पार्किंग व्यवस्था बरसातों में पानी जमा होना लोगों को जमानती बॉन्ड भरने में आ रही परेशानियों को सेशन जज गुरबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई विजिलेंस विभाग की मीटिंग में उठाया।
लुधियाना, जेएनएन। बार कौंसिल ऑफ पंजाब व हरियाणा के सदस्य हरीश राय ढांडा ने कोर्ट परिसर में पार्किंग व्यवस्था, बरसातों में पानी जमा होना, लोगों को जमानती बॉन्ड भरने में आ रही परेशानियों को सेशन जज गुरबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई विजिलेंस विभाग की मीटिंग में उठाया। उन्होंने लिखित भी जिला एवं सेशन जज को ज्ञापन दिया। मांग की है कि जल्द इन मुद्दों को सुलझाया जाए।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के संबंध में हाई कोर्ट में संबंधित प्रशासनिक जज व बिल्डिंग कमेटी के इंचार्ज हाई कोर्ट जज से बात की जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले उन्हें हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए अवसर दिया जाए। ढांडा के अनुसार कचहरी में दिन प्रतिदिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिस कारण वकीलों व कचहरी परिसर में तारीख भुगतने के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि कचहरी परिसर में मल्टीस्टोरी पार्किग का निर्माण करवाया जाए ताकि आने वाले लंबे समय तक के लिए पार्किग को लेकर पैदा हो रही समस्याओं से निजात पाई जा सके। उन्होंने कहा कि बरसात होने पर कचहरी परिसर की पार्किग में जलभराव हो जाता है। वहां पानी की निकासी का प्रबंध नहीं है। इससे वकील बेहद परेशान हैं। लोगों को जमानती बॉन्ड भरने में हो रही परेशानी इसके अलावा हरिवंश राय ढांडा ने भी एक अलग ज्ञापन में सेशन जज से मांग करते कहा कि अदालत की तरफ से जमानत का ऑर्डर किए जाने के बाद जमानती बॉन्ड भरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब भी कोई व्यक्ति जमानत देने जाता है तो उसे सबसे पहले पूछा जाता है कि क्या उसने पहले जमानत दी है और अगर पाया जाता है कि उसने पहले किसी की इसमें जमानत दी है तो उसकी जमानत नहीं दी जाती, उसे अपने दोस्त, रिश्तेदार व जान-पहचान के व्यक्ति को जमानती बॉन्ड भरकर जेल से छुड़वाने का मौका नहीं मिल पाता।
ढांडा के अनुसार जमानत भरने वाले व्यक्ति की हैसियत देखी जानी होती है न कि उस पर चार्ज लगाना होता है इसलिए किसी की भी प्रॉपर्टी की सेल डीड के ऊपर अदालत की तरफ से कोई भी एंट्री या इंदराज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पता चला है कि यह सब हाईकोर्ट के एक फैसले के चलते किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए मौका दिया जाए। कोर्ट कांप्लेक्स वेलफेयर फंड बनाए जाने की भी मांग ढांडा ने कोर्ट कांप्लेक्स वेलफेयर फंड बनाए जाने की भी मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि अदालतों की तरफ से विभिन्न केसों में जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के फंड में जमा कराने के निर्देश दिए जाते हैं। उनके अनुसार जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी को चलाने के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त फंड दिए जाते हैं। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया है कि जिला बार संघ व सिविल जज सीनियर डिवीजन की अध्यक्षता में एक कोर्ट कांप्लेक्स वेलफेयर फंड का गठन किया जाए। अदालत द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने इस वेलफेयर फंड में जमा करवाए जाएं तथा कोर्ट कांप्लेक्स मुवक्किलों, वकीलों व जनता की भलाई के लिए जिला व सिविल जज सीनियर डिवीजन की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी के माध्यम से वह धन राशि खर्च की जाए।