लड़कियां दुर्गा का रूप, खुद को न समझें कमजोर: गुरु मां
लड़कियां दुर्गा का रूप हैं। वे खुद को कमजोर न समझें और न ही लड़की के लिए कभी बेचारी शब्द का प्रयोग करें।
जासं, लुधियाना : लड़कियां दुर्गा का रूप हैं। वे खुद को कमजोर न समझें और न ही लड़की के लिए कभी बेचारी शब्द का प्रयोग करें। लड़की दुर्गा है जिसके एक हाथ में तलवार और दूसरे में त्रिशूल है। लड़कियां इसे अपनी शक्ति बना सकती हैं। यह शक्ति केवल शिक्षा से ही आ सकती है। ये बातें आनंदमूर्ति गुरु मां ने गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स (जीसीजी) में डेढ़ घंटे तक लेक्चर दिया। छात्राओं से अपने स्कूल-कॉलेज के अनुभव साझा करते हुए गुरु मां ने कहा कि मैंने कक्षा छठी से कॉलेज तक की पढ़ाई तक कभी घर आकर किताब नहीं खोली, क्योंकि स्कूल-कॉलेज में अध्यापक जो भी पढ़ाते थे, मैं उसे ध्यान से सुनती थी और घर आकर दोबारा उस चीज को नहीं पढ़ती थी। मेरी रट्टा लगाने की भी आदत नहीं थी पर हां परीक्षाओं से कुछ दिन पहले उन्हीं किताबों से रिवीजन करती थी। कुछ आर्ट वर्क सीखें, अपनी कमाई का जरिया बनाएं
गुरु मां ने छात्राओं से कहा कि अपने विद्यार्थी जीवन का अच्छे से आनंद लें। पर वह अपने जीवन में कुछ न कुछ क्रिएटिव जरूर करें। आज जो शॉ¨पग छात्राएं अपने पिता के पैसों से कर रही हैं, कुछ अपना काम शुरू करें। अपने पैसों से की गई शॉ¨पग आपको जो मजा देगी, उसकी एक अलग खुशी होगी। दूसरा अपने अभिभावकों, अध्यापकों की हमेशा इज्जत करें। अभिभावकों को अपने पैसों से गिफ्ट्स खरीद कर दें। लड़की होना अपना सौभाग्य मानें छात्राएं
भगवान ने आपको लड़की बनाया है, इसे अपना सौभाग्य मानें। महिला कभी कमजोर नहीं होती। वह शक्ति का रूप थी, है और रहेगी। छात्राएं ऐसे बनो, जो फूल खिला सकती है। बस इसके लिए अपनी शक्ति पहचानें।